हे भगवान! अलीगढ़ में कोरोना संक्रमण से बेटे के की मौत के बाद मां ने किया अंतिम संस्कार
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अंकित गुप्ता की 96 वर्षीय दादी और 55 वर्षीय मां दर्शन गुप्ता विधवा हैं। अंकित के निधन के बाद अब इनकी पत्नी नम्रता भी विधवा हो गई हैं। चार साल का बेटा पीयूष है। सोमवार को जब अंतिम संस्कार के लिए मुखाग्नि देने पर विचार हुआ तो मां ने कहा कि पीयूष को घर से बाहर लेकर नहीं जाएंगे, क्योंकि कोरोना संक्रमण का बच्चों को अधिक खतरा है।
अलीगढ़। कोरोना वायरस की वजह से रोज एक एक से बढकर एक हृदय विदारक घटनाएं सामने आई है। अलीगढ़ में कोरोना की वजह से एक मेडिकल व्यवसायी की मौत हो गई। दुर्भाग्य की बात है कि मृतक का दाह संस्कार करने वाला उसके घर में कोई नहीं था।
इसके बाद मां ने हृदय पर पत्थर रखकर बेटे को मुखाग्नि दी। इस हृदय विदारक दृश्य को देखकर हर किसी की आंखें छलक उठी। मालूम हो कि सोमवार सुबह गिरधर मेडिकल स्टोर के स्वामी अंकित गुप्ता का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया था। अब परिवार में अंकित की पत्नी, मां व दादी के अलावा चार साल का बेटा पीयूष ही रह गया है।
अंकित गुप्ता की 96 वर्षीय दादी और 55 वर्षीय मां दर्शन गुप्ता विधवा हैं। अंकित के निधन के बाद अब इनकी पत्नी नम्रता भी विधवा हो गई हैं। चार साल का बेटा पीयूष है। सोमवार को जब अंतिम संस्कार के लिए मुखाग्नि देने पर विचार हुआ तो मां ने कहा कि पीयूष को घर से बाहर लेकर नहीं जाएंगे, क्योंकि कोरोना संक्रमण का बच्चों को अधिक खतरा है।
इसके बाद मां ने अपने दिल पर पत्थर रखकर कहा कि मैं मुखाग्नि दूंगी। बेटे को जन्म दे सकती हूं तो मुखाग्नि भी दे सकती हूं। श्मशान स्थल पर जब दर्शन गुप्ता ने अपने बेटे को मुखाग्नि दी तो लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे।
वहीं, नुमाइश श्मशान स्थल पर कुल 17 शवों का अंतिम संस्कार हुआ है।वहीं घर के इकलौते बेटे की मौत के बाद घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा पत्नी मां और वृद्ध दादी का ख्याल रखने वाला अब कोई नहीं बचा। चार साल के पीयूष की आंखों में पिता की मृत्यु का दुख साफ दिख रहा था। मां और दादी को रोता देखकर पीयूष भी रो पड़ रहा है।