राष्ट्र का मान है हिन्दी, करो अनुराग हिन्दी से, राष्ट्र की जान है हिन्दी: मस्ताना
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आशा सक्सेना ने हिन्दी गीत भारत जननी एक ह्दय हो एक राष्ट्रभाषा हिन्दी हो प्रस्तुत किया जनपद के प्रमुख कवियों ने काव्य पाठ किया। कवि शिव सिंह निसंकोच ने कहा हम हिंदू हिन्दी देश है हिन्दी मेरी भाषा है। विश्व पटल पर हिन्दी गूंजे ये मेरी अभिलाषा है। धर्मेंद्र सिंह धरम ने कहा हिन्दी है जन जन को प्यारी है सबके कल्याण की। हिन्दी की जय बोलो हिन्दी भाषा हिन्दुस्तान की।
मैनपुरी। सरस्वती साधना परिषद के तत्वावधान में होली पब्लिक स्कूल में हिन्दी दिवस पर कवि सम्मेलन एवं हिन्दी पर गोष्ठी का आयोजन 14 सितम्बर को किया गया। सरंक्षक घनश्याम दास गुप्ता एवं मुख्य अतिथि डॉ. बीके सिंह पूर्व प्राचार्य रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि बदन सिंह मस्ताना एवं श्रीकृष्ण मिश्र एडवोकेट ने की। सचांलन जगदीश चन्द्र त्रिपाठी पूर्व प्रधानाचार्य ने किया। मंचासीन अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर मार्ल्यापण किया और कवि धर्मेन्द्र सिंह धरम ने मां सरस्वती की वंदना हे वीणा वादिनी मेरे स्वरों को साज दे देना प्रस्तुत की।
डॉ. आशा सक्सेना ने हिन्दी गीत भारत जननी एक ह्दय हो एक राष्टभाषा हिन्दी हो प्रस्तुत किया। जनपद के प्रमुख कवियों ने काव्य पाठ किया। कवि शिव सिंह निसंकोच ने कहा हम हिंदू हिन्दी देश है हिन्दी मेरी भाषा है। विश्व पटल पर हिन्दी गूंजे ये मेरी अभिलाषा है। धर्मेन्द्र सिंह धरम ने कहा हिन्दी है जन जन को प्यारी है सबके कल्याण की। हिन्दी की जय बोलो हिन्दी भाषा हिन्दुस्तान की।
कवि श्री चन्द्र वर्मा भोगांव ने कहां गीत गाते चलो पग बढ़ाते शान भारत की हिन्दी बताते चलो। ओम् प्रकाश वर्मा ने कहा आग्लं भाषा का करता क्यो गुनगान है देख हिन्दी तेरे हिन्दी की शान है कवि सतीश चन्द्र दुवे एडवोकेट ने कहा हिन्दी लिखकर हिन्दी पढ़कर हिन्दी का सम्मान करो।
कवि जय प्रकाश मिश्र ने कहा हम चाहते है भारत में हिन्दी का वर्चस्व जगे भारत के परम वैभव में हिन्दी का सम्मान पगे। डॉ. कंचन माहेश्वरी ने कहा परम मनोहर पावन हिन्दी विविध रूप नित नव्य सजाती गहन भाव जन अन्तर मन के मुखरित कर वाणी बन जाती, संकल्प दुबे ने कहा जब खूब तुम्हारा मन होगा संभव यदि प्रणय मिलन होगा।
डॉ. मनोज कुमार सक्सेना ने कहा वतन की आन है हिन्दी वतन की शान है हिन्दी संस्कृति को जो गीते है उनका ईमान है हिन्दी। डॉ. आनन्द प्रकाश शाक्य ने कहा हिन्दी हिन्द वासियो की भाषा ही नही मित्र है डॉ. मुक्तेश जैन कुरावली ने कहा हम राष्ट्रभाषा की सदा नित-नित उतारे आरती।
राम प्रकाश पाण्डेय ने कहा हिन्दी राष्ट्रभाषा बने न बने किन्तु विश्व भाषा अवश्य बन जाएगी। कवि सम्मेलन मे यश कुमार मिश्रा, प्रशान्त भदौरिया एडवोकेट, सतीश दुवे, देवांशी माहेश्वरी आदि ने भी काव्यपाठ किया।
सरंक्षक घनश्याम दास गुप्ता ने हिन्दी के विकास के लिए हिन्दी में हम सभी को कार्य करान चाहिए इससे हिन्दी का विकास होगा। मुख्य अतिथि डॉ. बीके सिंह ने कहा कि पठन पठान में कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक हिन्दी माध्यम से ही पुस्तकें होनी चाहिए।
हिन्दी भाषा को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति मिली है क्योंकि 10 जनवरी अर्न्तराष्ट्रीय हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है यह हिन्दी विस्तार की बड़ी उपलब्धि है सूचना प्रौद्योगिकी ने हिन्दी के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बदन सिंह मस्ताना ने कहा राष्ट की आन है हिन्दी राष्ट्र का मान है हिन्दी करो अनुराग हिन्दी से राष्ट्र की जान है हिन्दी अध्यक्ष श्रीकृष्ण मिश्र ने कहा हिन्दी एक ऐसी भाषा है जो बोली जाती है वही लिखी जाती है वही पढ़ी जाती है हिन्दी का विश्व में विस्तार चल रहा है।
कार्यक्रम में नन्द किशोर नन्दू, दर्शन लाल राठौर एडवोकेट विद्यासागर शर्मा, एमएस कमठान, अभय शर्मा, डॉ.अनुराग दुवे ज्ञानेन्द्र दीक्षित, अतुल अग्निहोत्री गोविन्द मिश्रा एडवोकेट सजीव शर्मा अदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजक एवं संस्था के महामंत्री विनोद माहेश्वरी ने कार्यक्रम के अन्त में सभी को धन्यवाद दिया।
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