कोरोना काल में रामलीलाः लखनऊ के ऐशबाग से आॅनलाइन प्रसारण तो कहीं केवल पूजन

टीम भारत दीप |

मंचन के पहले कलश स्थापना से दिन की शुरूआत हुई।
मंचन के पहले कलश स्थापना से दिन की शुरूआत हुई।

ऐशबाग की ऐतिहासिक रामलीला इस बार मैदान के बजाय श्रीराम भवन में हो रही है। चार घंटे की सीमित रामलीला का प्रसारण सोशल मीडिया के माध्यम से घरों तक किया जाएगा।

लखनऊ। कोरोना महामारी का असर हमारी जिंदगी के करीब-करीब हर पहलू पर पड़ा है। ऐसे में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हर बरस होने वाले रामलीला का मंचन भी इससे अछूता नहीं रहा। 

यहां ऐशबाग की ऐतिहासिक रामलीला ने कोरोना के कारण अपना स्वरूप बदल लिया है। रामलीला में इस बरस मैदान में दर्शकों के बीच उछल-कूद करते हनुमानजी होंगे और न ही राम बारात की धूमधाम। राम-भरत मिलाप के दृश्य भी राजधानीवासी घर बैठे ही देख पाएंगे। 

इस बार कोरोना के कारण राजधानी में रामलीला आयोजन समिति रामलीला मंचन को केवल ऑनलाइन दिखाएगी। ऐशबाग की ऐतिहासिक रामलीला इस बार मैदान के बजाय श्रीराम भवन में हो रही है। चार घंटे की सीमित रामलीला का प्रसारण सोशल मीडिया के माध्यम से घरों तक किया जाएगा। 

17 अक्टूबर से नियमित इसका आॅनलाइन प्रसारण आरंभ हो गया है। मंचन के पहले कलश स्थापना से दिन की शुरूआत हुई। प्रसंग में धरती पर रावण के आतंक के कारण हाहाकार मचा हुआ है। सभी देवी-देवता, ऋषि-मुनि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के पास जाते हैं। सारा वृतान्त सुनाते हुए गुहार लगाते हैं।

श्रीरामोत्सव समिति के संयोजक आदित्य द्विवेदी के मुताबिक शहर की सबसे पुरानी ऐशबाग की रामलीला इस बार परंपरागत रूप में मंचित नहीं होगी, लेकिन क्रम बनाए रखने के लिए इसका सभागार में दर्शक विहीन मंचन होगा। चार घंटे के मंचन का प्रसारण ऑनलाइन किया जाएगा। 

समिति के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल के मुताबिक करोना के कारण मैदान में परंपरागत मंचन संभव नहीं है। सभागार में स्थानीय 25-30 कलाकार और कोलकाता के दो कलाकारों की मदद से दो घंटे का मंचन होगा। 

शाम पांच बजे से सात बजे तक इसका प्रसारण रामलीला समिति ऐशबाग की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर किया जाएगा। उनके मुताबिक गोस्वामी तुलसीदास ने 400 साल पहले रामलीला की शुरूआत की थी। कोरोना संक्रमण के प्रतीक के रूप में रावण के पुतले का दहन दशहरा पर होगा। 

इस बार सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मेला भी नहीं लगेगा। मुख्य अतिथि और समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में आतिशबाजी के साथ पुतला दहन का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। 

दुसरी ओर राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र स्थित पोस्टल मैदान में रामलीला का मंचन खुले मैदान में होगा। संयोजक सतीश अग्निहोत्री के मुताबिक 17 को हवन पूजन और भजन संध्या के उपरांत मंचन शुरू हो गया है। इस बार यहां रावण दहन नहीं होगा। 

कोरोना संक्रमण को रोकने के इंतजाम के साथ 200 लोगों को ही को रामलीला देखने की अनुमति होगी। वहीं मौसमबाग की रामलीला का मंचन भी इस बरस नहीं होगा। निर्देशक शिव कुमार के मुताबिक दो मंचों पर होने वाली अपनी तरह की यह ऐतिहासिक रामलीला इस बार नहीं होगी। 

कोरोना संक्रमण के चलते सिर्फ मंच पूजन होगा। सदर की ऐतिहासिक रामलीला गेस्ट हाउस में होगी। संयोजक आनंद तिवारी ने बताया कि सीमित दर्शकों की मौजूदगी में मंचन किया जाएगा। 

वहीं कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी सेक्टर एल में होने वाली रामलीला का मंचन भी इस बरस नहीं होगा। वहीं चैक के नेपाली कोठी में होने वाली रामलीला मंचन के बजाय यहां इस बार श्रीमद्भागवत कथा होगी। 


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