अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही, जिंदा महिला को बता दिया कोरोना से मृत
14 अप्रैल को रिपोर्ट पाजिटिव आने पर वह मेडिकल कालेज भर्ती होने के लिए पहुंचे। मगर बेड खाली नहीं होने पर उस दिन वापस लौट आए पर दूसरे दिन उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कर लिया गया। भर्ती होने के बाद चिकित्सकों द्बारा किए गये इलाज से हालात में सुधार होने पर दंपति को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
झांसी। इस समय पूरे प्रदेश में कोरोना भयंकर रूप से तबाही मचा रहा है। अस्पतालों में काम कर रहे कर्मचारी लगातार काम करते-करते परेशान हो चुके है। ऐसे में उनसे गलतियां होना लाजमी है, लेकिन झांसी में कोविड अस्पताल में तैनात कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई।
यहां एक दंपती कोरोना से संक्रमित हो गए। पति-पत्नी होम आइसोलेशन में पूणर्त स्वथ्य है। जिला अस्पताल द्वारा जारी होने वाली बुलेटिन में उक्त महिला को मृत बता दिया गया। जब शनिवार को महिला के रिश्तेदार हाल चाल जानने के लिए फोन करने लगे तो महिला को अजीब लगा। जब महिला ने रिश्तेदारों से पूछा कि एक साथ सभी लोग फोन क्यों कर रहे हो तो एक रिश्तेदार ने बताया कि आपके निधन की खबर चल रही है।
बेड न मिलने से होम आईसोलेशन में थे दंपती
जबकि महिला कोरोना से ठीक होने पर घर लौटी थी, इस समय पूर्णत: स्वस्थ्य है, इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसे मृत करार दिया। दरअसल सिविल लाइंस स्थित बाबूलाल कारखाना के पीछे रहने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मीनारायण गुप्ता और उनकी पत्नी राजकुमारी गुप्ता ने 11 अप्रैल को कोविड जांच कराई थी।
14 अप्रैल को रिपोर्ट पाजिटिव आने पर वह मेडिकल कालेज भर्ती होने के लिए पहुंचे। मगर बेड खाली नहीं होने पर उस दिन वापस लौट आए पर दूसरे दिन उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कर लिया गया। भर्ती होने के बाद चिकित्सकों द्बारा किए गये इलाज से हालात में सुधार होने पर दंपति को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
इसके बाद ऐहतियात के तौर पर दंपती होम आइसोलेशन में चली गई और स्वास्थ्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी की गई कोरोना से मरने वालों की सूची में राजकुमारी गुप्ता का भी नाम शामिल था।
इसका खुलासा तब हुआ जब उनके एक रिश्तेदार ने फोन करके हाल चाल पूछा। दंपती ने पूरी तरह स्वस्थ होने की जानकारी दी, तब रिश्तेदार ने उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। इससे दंपति भी दंग रह गए।
मामला सोशल मीडिया की सुर्खियां बनने लगा तब मीडिया ने दंपती के हाल जान कर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिए। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इस सूची का सत्यापन अवश्य करा लिया जाना चाहिए।