मानवता शर्मसारः वृद्ध भिखारियों को डंपर में भरकर शहर के बाहर फेंका

टीम भारत दीप |

इस अमानवीय घटना  के बाद शिवराज सरकार पर सवाल उठने लगे।
इस अमानवीय घटना के बाद शिवराज सरकार पर सवाल उठने लगे।

ननि कर्मचारी बुजुर्ग भिखारियों को इंदौर देवास सीमा पर शिप्रा नदी के पास छोड़कर जा रहे थे। कई बुजुर्ग चल-फिर भी नहीं सकते थे। वो गाड़ी में एक के ऊपर एक लदे हुए थे। वहां मौजूद लोगों ने इस अमानवीय हरकत का विरोध किया तो कर्मचारी घबरा गए।

इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर देश में स्वच्छता के लिए मशहूर है। शुक्रवार को ऐसी घटना हुई, जिसे सुनकर हर किसी की निगाह शर्म से झुक जाए।

नगर निगम के कर्मचारियों ने  बूढ़े भिखारियों को एक डंपर में मवेशियों की तरह भरकर शहर के बाहर फेंक आए। जब लोगों ने कर्मचारियों की इस हरकत का विरोध किया तो उन्होंने बुजुर्गों को वापस डंपर में बैठाया। हालांकि, अभी ये नहीं साफ हुआ है कि इन बुजुर्गों को कहां ले जाया गया है।

शिप्रा नदी के पास छोड़कर जा रहे थे

ननि कर्मचारी बुजुर्ग भिखारियों को इंदौर देवास सीमा पर शिप्रा नदी के पास छोड़कर जा रहे थे। कई बुजुर्ग चल-फिर भी नहीं सकते थे। वो गाड़ी में एक के ऊपर एक लदे हुए थे।

वहां मौजूद लोगों ने इस अमानवीय हरकत का विरोध किया तो कर्मचारी घबरा गए। जब ये खबर सुर्खियों में आई तो निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने रैन बसेरा के दो कर्मियों को बर्खास्त कर दिया।

कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाया सवाल

इस अमानवीय घटना  के बाद शिवराज सरकार पर सवाल उठने लगे। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी और नरेंद्र सलूजा ने पूछा कि क्या यही आपका सुशासन है। सलूजा ने कहा कि अधिकारी भाजपा की विचारधारा पर काम कर रहे हैं।

इंदौर नगर निगम के अधिकारी स्वच्छता के नाम पर भारी ठंड में बुजुर्गों को शिप्रा छोड़ने पहुँचे
अब अधिकारी बेचारे क्या करे वो तो भाजपा की विचारधारा के अनुरूप ही तो काम कर रहे है 
भाजपा ने भी तो आडवाणी जी, जोशी जी, यशवंत सिन्हा जैसे कई बुजुर्ग नेताओ को कब से छोड़ दिया है 

शिवराज को लेना पड़ा एक्शन

इंदौर की घटना के बाद सरकार की किरकिरी होती देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बचाव के लिए सामने आना पड़ा। उन्होंने मामले की जानकारी लेने के बाद निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी को निलंबित करने के निर्देश दे दिए। सोलंकी को नगरीय विकास संचालनालय भोपाल अटैच कर दिया गया।


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