यूपी: पंचायत चुनाव लड़ना है तो इन नियमों का करना होगा पालन
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उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग की नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। जिन्हें आप ध्यान से जरूर पढ़ लें। कहीं ऐसा न हो कि इनके आभाव में चुनाव लड़ने का आपका सपना धरा का धरा रह जाए। दरअसल इन गाइडलाइंस के पालन में जरा भी चूक आपकी दावेदारी पर भारी पड़ सकती है।
लखनऊ। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसे में अगर आप भी इन चुनावों में दावेदारी करने वाले हों तो ये खबर आपके बड़े काम की है। दरअसल उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग की नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। जिन्हें आप ध्यान से जरूर पढ़ लें।
कहीं ऐसा न हो कि इनके आभाव में चुनाव लड़ने का आपका सपना धरा का धरा रह जाए। दरअसल इन गाइडलाइंस के पालन में जरा भी चूक आपकी दावेदारी पर भारी पड़ सकती है। इसलिए इन नियमों की जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
वहीं इस बार अपने एजेंट बनाने में भी आपको बेहद सावधानी बरतनी होगी। निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार आपके एजेंट को किसी सरकार या निकायों आदि से लाभ लेने वाला व्यक्ति नहीं होना चाहिए। उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं होना चाहिए।
ये हैं जरूरी दिशानिर्देश
उम्मीदवार किसी भी पूर्व या वर्तमान सांसद-विधायक, पूर्व या वर्तमान मंत्री, ब्लॉक प्रमुख आदि को अपना एजेंट नहीं बना सकता है। बिना अनुमति लिए चुनाव प्रचार में किसी भी वाहन का इस्तेमाल नहीं करना है। प्रचार के दरम्यान आपत्तिजनक शब्दों के लिखित या मौखिक प्रयोग करने पर सख्त रोक है। किसी मतदाता को मतदान करने या उससे न करने के लिए दबाव बनाना, या लालच देना प्रतिबंधित है।
शिकायत होने पर जांच के बाद कार्रवाई होगी। जाति और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगना है। किसी अन्य को जबरन चुनाव में खड़ा भी नहीं किया जा सकता। चुनाव लड़ने का फैसला हर प्रत्याशी का व्यक्तिगत और स्वेच्छा से होना चाहिए। वहीं दूसरे प्रत्याशी के व्यक्तिगत चरित्र पर उंगली उठाना भी प्रतिबंधित है।