बरेली में महिला ने शादी के चार साल बाद एक साथ तीन पुत्र और एक पुत्री को दिया जन्म
रूबी सिंह चार साल से संतान के लिए तड़प रही थीं। इसके लिए उन्होंने हर तरह का इलाज और पूजा पाठ किया। धीरे-धीरे उनका धैर्य जवाब देने लगा था लेकिन भगवान ने उनके घर खुशियों की बारिश कर दी। रिंकू सिंह ने बताया कि अप्रैल 2017 में उनका विवाह रूबी के साथ हुआ था।
बरेली। भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं यह कहावत बरेली के एक परिवार पर सटीक बैठी। यहां एक जोड़े को चार साल से बच्चे नहीं हो रहे थे। यह जोड़ा घर में किलकारी सुनने के लिए बेताब था। काफी पूर्जा अर्चना और डॉक्टरों से इलाज के बाद इस परिवार की झोली भगवान ने खुशियों से भर दी।
यहां के रहने वाले रिंकू और रूबी यहां संतान सुख नहीं था। आंगन में किलकारियां सुनने के लिए वे चार साल तक दर—दर भटकते रहे आखिर में उनके घर खुशियों की बरसात हुई एक साथ एक नहीं चार संतान प्राप्त हुई। चार संतान देख खुशी से फूले नहीं समा रहे दंपती।
दरअसल एनडीएआरएफ की आठवीं बटालियन में सिपाही के पद पर तैनात रिंकू सिंह आंवला के गांव अतरछेड़ी निवासी हैं। रिंकू सिंह की पत्नी रूबी सिंह चार साल से संतान के लिए तड़प रही थीं। इसके लिए उन्होंने हर तरह का इलाज और पूजा पाठ किया।
धीरे-धीरे उनका धैर्य जवाब देने लगा था लेकिन भगवान ने उनके घर खुशियों की बारिश कर दी। रिंकू सिंह ने बताया कि अप्रैल 2017 में उनका विवाह रूबी के साथ हुआ था। तब से अब तक उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी। इस बार उनकी पत्नी रूबी गर्भवती हुई तो घर में खुशियां छा गई।
यह खुशियां उस समय कई गुना बढ़ गई जब उनकी पत्नी ने तीन पुत्रों व एक पुत्री को एक साथ जन्म दिया। चूंकि गर्भ में एक से अधिक शिशु होने का पूर्वानुमान चिकित्सक कर चुके थे। लिहाजा उन्होंने बच्चों के जन्म से पहले अपनी पत्नी को गाजियाबाद के नेहरू नगर स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती करा दिया था।
पत्नी ने सोमवार को बच्चों को आपरेशन से जन्म दिया। सभी बच्चे व मां स्वस्थ हैं। डॉक्टरों की पूरी एक टीम गठित करके इस कठिन प्रसव को सफलता पूर्वक पूरा कराया गया। अस्पताल की उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शशि अरोड़ा बताती हैं कि इस तरह के कठिन आपरेशन में बच्चों के साथ मां की जान को भी खतरा रहता है।
ऐसे में बहुत ही सावधानी के साथ कुशल टीम ही इस आपरेशन को अंजाम दे सकती है। बच्चों के पिता रिंकू सिंह एक साथ चार बच्चे पाकर बेहद खुश हैं। वह कहते हैं एक बच्चे की खुशी बहुत होती है, मुझे तो भगवान ने चार बच्चे एक साथ दे दिए। आपकों बता दें कि इससे पहले जनवरी माह में बाराबंकी में एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया था।
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