प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बढ़ने से 22 शव आए रेत से बाहर, नगरनिगम ने कराया अंतिम संस्कार
गुरुवार को फाफामऊ घाट पर रेत में दफनाए गए 22 और शव गंगा में बहने से पहले रोक लिए गए। देर शाम तक कटान की वजह से रेेती से शवों के बाहर आने का सिलसिला यहां जारी रहा। देर रात तक इस घाट पर लावारिस शवों की चिताएं लगाकर अंतिम संस्कार कराया जाता रहा।
प्रयागराज।यूपी में बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। गंगा नदी में भी पानी बढ़ने से प्रयागराज समेत प्रदेश के तमाम जिलों में नदी के किनारे दफनाए गए शव रेत हटने से बाहर निकल आए।
खासतौर से कटान की वजह से रेत में दफनाए गए शवों के बाहर मिलने से नगर निगम प्रशासन के माथे पर बल पड़ गए हैं। गुरुवार को फाफामऊ घाट पर रेत में दफनाए गए 22 और शव गंगा में बहने से पहले रोक लिए गए।
देर शाम तक कटान की वजह से रेेती से शवों के बाहर आने का सिलसिला यहां जारी रहा। देर रात तक इस घाट पर लावारिस शवों की चिताएं लगाकर अंतिम संस्कार कराया जाता रहा। मालूम हो कि अब तक इस घाट पर 92 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराया जा चुका है।
गंगा में जलस्तर बढ़ने से कटान लगातार बढ़ती जा रही है। फाफामऊ घाट पर गुरुवार सुबह छह बजे से ही कटान से शवों के निकलने का सिलसिला शुरू हो गया। घाट पर निगरानी के लिए लगाए गए मजदूरों ने दोपहर 12 बजे तक 13 शव निकाले।
इन शवों का अंतिम संस्कार कराया जा रहा था, तब तक और शवों के बाहर आने की जानकारी मिलने लगी। रात आठ बजे तक कटान की चपेट में आने के बाद 22 शव रेत से निकाले गए। इस घाट पर दिन भर शवों को छानने का काम हो रहा है। देर रात तक शवों की चिताएं लगाई जाती रहीं।
जोनल अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने कर्मकांड और श्राद्ध के साथ इन शवों को मुखाग्नि दी। रात को घाट पर एक लाइन से चिताएं जलती रहीं। कटान को देखते हुए अंतिम संस्कार के बाद रात को फाफामऊ घाट पर निगरानी बढ़ा दी गई।
एक भी शव गंगा में नहीं बहने पाएं, इसके लिए छह लोगों को रात भर घाट पर निगरानी करने के लिए तैनात कर दिया गया है। निगम के अफसरों का कहना है कि घाट पर कटान का दायरा जिस तरह से बढ़ रहा है, उससे और भी शव बाहर आ सकते हैं। इसलिए कि घाट पर रेत में अभी दर्जनों शवों के होने की आशंका जताई जा रही है।
मालूम हो कि कोरोना वायरस की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई थी। बहुत से लोगों ने शवों को जलाने की जगह दफना दिया था। वहीं शव अब जलस्तर बढ़ने पर बाहर आ रहे है।
गंगा के जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रशासन ने पूरे प्रदेश में नदियों के किनारे के जिलों को इसकी निगरानी की जिम्मेदारी दी है। इसी आदेश के तहत फाफामऊ में शवों को निकालकर जलाया जा रहा है।
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