प्रयागराज में पुरोहित ने हाथ पर मोबाइल नंबर के साथ लिखा मेरी मौत का यही जिम्मेदार
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नैनी कोतवाली क्षेत्र के सच्चा बाबा आश्रम नगर निवासी अनिल तिवारी अरैल संगम तट पर तीर्थ पुरोहित का काम करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा किशन (25) भी तीर्थ पुरोहित का काम करता था। लॉकडाउन के बाद से संगम क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों का आना बंद हो गया। जिससे तीर्थ पुरोहितों का काम धंधा भी ठप हो गया था।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में सोमवार देर रात एक पुरोहित ने घर के बाहर पेड़ से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मंगलवार सुबह लोगों ने जब उसका शव फंदे से लटकता पाया तो पुलिस को सूचना दी।
परिवार के अनुसार, कोरोना और लॉकडाउन के चलते पुरोहित का काम ठप होने से वह आर्थिक तंगी से परेशान था। अवसाद में होने के कारण वह शराब पीने लगा था। पुरोहित की मौत से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
पुलिस की जांच में पुरोहित के बाएं हाथ पर एक मोबाइल नंबर लिखा मिला। उसके आगे लिखा था कि मेरी मौत का यहीं जिम्मेदार है। चौकी इंचार्ज अजय सिंह ने बताया कि जो मोबाइल नंबर लिखा है, वह फिलहाल गलत लग रहा है। मृतक का मोबाइल कब्जे में लिया गया है। हाथ पर लिखे नंबर और मृतक की कॉल डिटेल निकलवाकर जांच पड़ताल की जाएगी।
लॉकडाउन की वजह से बंद पड़ा हैं धंधा
नैनी कोतवाली क्षेत्र के सच्चा बाबा आश्रम नगर निवासी अनिल तिवारी अरैल संगम तट पर तीर्थ पुरोहित का काम करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा किशन (25) भी तीर्थ पुरोहित का काम करता था। लॉकडाउन के बाद से संगम क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों का आना बंद हो गया। जिससे तीर्थ पुरोहितों का काम धंधा भी ठप हो गया था।
पिता अनिल तिवारी ने बताया कि काम बंद होने की वजह से आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। जिसकी वजह से किशन परेशान रहता था। इधर कुछ दिनों से वह पीने लगा था। सोमवार की रात 2 बजे तक वह घर में था।
उसके बाद कब घर से बाहर निकला, किसी को पता नहीं चला। मंगलवार को सुबह घर के बाहर नीम के पेड़ में साड़ी के फंदे से वह फांसी पर लटकता मिला। हालांकि कुछ लोगों ने उसकी खुदकुशी पर शक भी जाहिर किया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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