रामपुर में पुलिस की पनाह में बन रही थी ईएनए से शराब, 14 पुलिसकर्मी होंगे बर्खास्त

टीम भारत दीप |

जांच पूरी होने के बाद अब पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई है।
जांच पूरी होने के बाद अब पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई है।

रामपुर में पिछले साल 12 जून की रात शहजादपुर थाना क्षेत्र से एसटीएफ ने 25 हजार लीटर ईएनए से भरा टैंकर पकड़ा था। मौके से धमोरा निवासी राजेंद्र सक्सेना, अखिलेश मौर्य और नसीमगंज, टांडा का राजेंद्र गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि इस एल्कोहल से अवैध शराब बनाई जाती थी। 

रामपुर। यूपी के रामपुर जिले में पुलिस की पनाह में एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (ईएनए) से शराब बनाने का धंधा खुलेआम चल रहा था। इस मामले के पकड़ में आने के बाद दोषी पुलिस कर्मियों द्वारा जांच प्रभावित करने की कोशिश की गई।

आईजी की जांच में तत्कालीन एसपी शगुन गौतम समेत 18 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराते हुए, आरोपियों के सीधे संपर्क में रहने वाले इनमें से 14 पुलिस वालों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हो गई है।

एसटीएफ ने पकड़ा था 25 हजार लीटर ईएनए 

मालूम हो कि रामपुर में पिछले साल 12 जून की रात शहजादपुर थाना क्षेत्र से एसटीएफ ने 25 हजार लीटर ईएनए से भरा टैंकर पकड़ा था। मौके से धमोरा निवासी राजेंद्र सक्सेना, अखिलेश मौर्य और नसीमगंज, टांडा का राजेंद्र गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि इस एल्कोहल से अवैध शराब बनाई जाती थी। 

यह मामला पुलिस मुख्यालय तक पहुंचने और स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध मिलने पर एडीजी अविनाश चंद्र ने मामले की जांच तत्कालीन आईजी राजेश पांडेय को जांच सौंपी थी। यह जांच पूरी होने के बाद अब पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई है।

दोषी पाए गए यह पुलिसकर्मी

तत्कालीन एसपी शगुन गौतम, तत्कालीन सीओ अशोक पांडेय, तत्कालीन एसओ शहजादनगर सतेंद्र कुमार, तत्कालीन धमोरा चौकी प्रभारी अनुराग चौधरी, एसओजी के सब इंस्पेक्टर पंकज चौधरी, हेड कांस्टेबल जागेश सिंह, भूदेव सिंह, हाशिम खान, वेद प्रकाश मिश्रा, अफजाल अहमद, विपिन कुमार, चंद्रशेखर,

सिपाही महिपाल सिंह, सतेंद्र सिंह, अमित कुमार, चालक इरशाद एवं दो अन्य। इनमें से एसपी और तीन अन्य छोड़कर बाकी के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए फाइल शासन को भेज दी गई है।
 
इस तरह फंसे पुलिसकर्मी

मामला पकड़ में आने के बाद इस मामले में करीब 50 पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज होने के बाद कार्रवाई हुई है। एसपी को कार्रवाई में शिथिलता बरतने का दोषी माना गया है। वहीं, बर्खास्तगी की जद में आए 14 पुलिसकर्मी आरोपियों के सीधे संपर्क में पाए गए हैं।

पता चला सब इंस्पेक्टर पंकज चौधरी की कार्रवाई के दौरान करीब 42 बार मुख्य आरोपी राजेंद्र सक्सेना से बात हुई थी, उन पर विभाग की सूचनाएं लीक करने का भी आरोप है। हेड कांस्टेबल जोगेश सिंह, वेदप्रकाश मिश्रा पर राजेंद्र का आपराधिक रिकॉर्ड छिपाने का आरोप है। इसी तरह किसी न किसी तरह आरोपियों की मदद में संलिप्त पाए गए।

वहीं इस मामले में एडीजी अविनाश चंद्र का कहना है कि रामपुर में पकड़े गए एल्होकल प्रकरण में तत्कालीन एसपी समेत 18 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी है। दोषी पाए गए 14 पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई रामपुर एसपी करा रहे हैं।

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