सुलतानपुर में मृत बेटे का शव का 17 दिन से घर में रखकर बैठा है परिवार, जानिए वजह
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पिता शिव प्रसाद थाने से लेकर उच्च अफसरों तक बेटे की मौत की जांच और दोबारा पोस्टमार्टम की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। आलम यह है कि बेटे का शव 17 दिन से घर में डीप फ्रीजर में रखा हुआ है। सेना में सूबेदार पद से रिटायर शिव प्रसाद पाठक कूरेभार थाना क्षेत्र के सरैया मझौवा के रहने वाले हैं।\
सुलतानपुर। यूपी के सुलतानपुर में एक पिता अपने मृत बेटे का शव पिछले 17 दिन से डीप फ्रीजर मे रखकर उसकी मौत की जांच कराने के लिए अधिकारियों के आगे गुहार लगा रहा है।
दरअसल सुलतानपुर के रहने वाले शिवप्रसाद के छोटे बेटे के पास उनके बेटे का 19 जुलाई को फोन आया कि मेरी हत्या हो जाएगी। मुझे फंसाने की साजिश रची जा रही है। मुझे बचा लो। यह फोन दिल्ली से शिवांक पाठक ने सुल्तानपुर में रहने वाले अपने छोटे भाई इशांक को किया था।
ठीक 14 दिन बाद एक अगस्त को शिवांक की संदिग्ध परिस्थितियों में दिल्ली में मौत हो गई।दिल्ली पुलिस से परिजनों को इसकी सूचना देर से मिली। उनके दिल्ली पहुंचने तक शव का पोस्टमार्टम भी करा दिया गया।
पिता शिव प्रसाद पाठक ने बेटे की मौत की जांच की बात कही तो दिल्ली पुलिस ने अनसुना कर दिया। तब वे शव लेकर गांव आ गए। घर में ही डीप फ्रीजर लगाकर शव सुरक्षित रखा है।इसके बाद से पिता शिव प्रसाद थाने से लेकर उच्च अफसरों तक बेटे की मौत की जांच और दोबारा पोस्टमार्टम की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
आलम यह है कि बेटे का शव 17 दिन से घर में डीप फ्रीजर में रखा हुआ है। सेना में सूबेदार पद से रिटायर शिव प्रसाद पाठक कूरेभार थाना क्षेत्र के सरैया मझौवा के रहने वाले हैं।
कॉल सेंटर में नौकरी करता था शिवांक
शिव प्रसाद का बड़ा बेटा शिवांक दिल्ली में वर्ष 2012 में एक कॉल सेंटर में नौकरी करता था। शिव प्रसाद ने बताया कि बेटे ने उसी वर्ष 24 अप्रैल को एक व्यक्ति के साथ मिलकर कंपनी खोल ली। कंपनी के पार्टनर ने दिल्ली की एक युवती को एचआर बनाया था। वर्ष 2013 में शिवांक ने उसी युवती से शादी कर ली।
घर वाालें का आरोप है कि कंपनी में मुनाफा होने पर पत्नी शिवांक पर अपने पिता व भाई को पार्टनर बनाने का दबाव बनाने लगी। दबाव में आकर शिवांक ने दो फ्लैट पत्नी के नाम कर दिए। एक कीमती कार व 85 लाख रुपये के आभूषण भी उसे दे दिए। इसके बाद भी पत्नी की नजर शिवांक की संपत्ति पर थी।
शिव प्रसाद ने बताया कि मौत की सूचना उन्हें दामाद से मिली तो वे छोटे बेटे के साथ दिल्ली पहुंचे। बेटे की हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर एसएचओ बेगमपुर दिल्ली को दिया, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया।
तब वे तीन अगस्त को शव लेकर गांव आ गए। बेटे की मौत से पर्दा उठाने के लिए कूरेभार थाने को सूचना दी, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। तब डीप फ्रीजर खरीदा और जिगर के टुकड़े का शव रखकर इंसाफ की लड़ाई शुरू कर दी।
वे स्थानीय थाना, एसपी और डीएम तक गुहार लगा चुके है। सुनवाई न हुई तो दीवानी न्यायालय की शरण ली है। एसओ कूरेभार श्रीराम पांडेय ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। लिहाजा वे कुछ नहीं कर सकते।
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