ओमिक्रोन को लेकर बढ़ रही टेंशन: केंद्र सरकार ने राज्यों को किया आगाह, जरूरी कदम उठाए
केंद्र और राज्यों से मंगलवार देर रात तक मिले आंकड़ों के मुताबिक देश में ओमिक्रोन के मामलों की संख्या बढ़कर 220 हो गई है, जिनमें से 77 संक्रमित अब तक ठीक भी हो चुके हैं। 19 दिन में ही ओमिक्रोन के मामले दो से बढ़कर 220 तक पहुंच गए हैं। दो दिसंबर को ओमिक्रोन का पहला मामला कर्नाटक में मिला था। उस दिन दो मरीज इससे संक्रमित पाए गए थे।
नई दिल्ली। विश्व के कई देशों में तीसरी और चौथी लहर आने के बाद अपने देश में भी कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की आशंका बढ़ती जा रही है। देश में तेजी से कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं।
अब तक 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक यह वैरिएंट पहुंच गया है और इसके 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। नए वैरिएंट से बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सावधान किया है। केंद्र ने कहा कि 'वार रूम', सक्रिय कर लें, सक्रिय कदम उठाएं और नाइट कर्फ्यू लगाने जैसे कदम उठाने पर भी विचार करें।
देश में ओमिक्रोन के 220 मामले
केंद्र और राज्यों से मंगलवार देर रात तक मिले आंकड़ों के मुताबिक देश में ओमिक्रोन के मामलों की संख्या बढ़कर 220 हो गई है, जिनमें से 77 संक्रमित अब तक ठीक भी हो चुके हैं। 19 दिन में ही ओमिक्रोन के मामले दो से बढ़कर 220 तक पहुंच गए हैं।
दो दिसंबर को ओमिक्रोन का पहला मामला कर्नाटक में मिला था। उस दिन दो मरीज इससे संक्रमित पाए गए थे। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर और ओडिशा में भी ओमिक्रोन के मामले मिले। जम्मू में तीन और ओडिशा में दो केस पाए गए हैं। ओडिशा के दोनों मरीज विदेशी नागरिक हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में 11 और तेलंगाना में चार नए केस सामने आए हैं।
सतर्क होकर करें काम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में ओमिक्रोन के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए सख्त रणनीतिक अपनाने को कहा है। इसमें रात का कर्फ्यू लगाना, एक जगह ज्यादा लोगों के एकत्र होने से रोकना, शादी-विवाह और अंतिम संस्कार इत्यादि में शामिल होने वालों की संख्या सीमित करना शामिल है।
आपताकालीन संचालन केंद्रों को भी सक्रिय करने की सलाह दी है। साथ ही जिला व स्थानीय स्तर पर निगरानी बढ़ाने और जांच में तेजी लाने को भी कहा है। निज क्षेत्रों में ज्यादा संक्रमित मिल रहे हों, वहां के नमूनों को तुरंत जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए इंसाकाग की प्रयोगशालाओं को भेजने को कहा गया है।
इंसाकाग (इंडियन सार्स-सीओवी-2 कंसोर्टियम आन जेनोमिक्स) स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत गठित 28 प्रयोगशालाओं का समूह है जो देश में अलग-अलग हिस्सों से आए सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग करता है।
मंत्रालय ने कहा है कि वैज्ञानिक आंकड़ों से पता चलता है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन वैरिएंट तीन गुना अधिक संक्रामक है। इसलिए अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। कनार्टक ने 30 दिसंबर से दो जनवरी तक पार्टी जैसे आयोजनों पर रोक लगा दी है। कई अन्य राज्यों ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं।
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