मध्य प्रदेश: इंदौरवासियों ने कर्ज लेकर सरस्वती को​ दिया जीवनदान, पानी हुआ साफ

टीम भारत दीप |
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स्थानीय लोगों ने सीवर कनेक्शन लेकर गंदे पानी को नदी में जाने से रोका।
स्थानीय लोगों ने सीवर कनेक्शन लेकर गंदे पानी को नदी में जाने से रोका।

देश में साफ—सफाई के लिए प्रसिद्ध इंदौर26 अक्टूबर को एक और ​कीर्तिमान बनाने जा रहे है। इस बार सरकार से ज्यादा यहां के लोगों ने इस कीर्तिमान के लिए अपना सहयोग दिया है।

इंदौर । देश में साफ- सफाई के लिए प्रसिद्ध इंदौर26 अक्टूबर को एक और ​कीर्तिमान बनाने जा रहे है। इस बार सरकार से ज्यादा यहां के लोगों ने इस कीर्तिमान के लिए अपना सहयोग दिया है।

हम बात कर रहे है इंदौर शहर के बीच से होकर बहने वाली सरस्वती नदी की । इसी नदी के किनारे हजारों लोग रहते है। लेकिन सरस्वती नदी के बचाने के लिए यहां के 5624 लोगों ने विशेष प्रयास किया है।

इन लोगों ने नदी में गंदा पानी जाने से रोकने के लिए सबसे पहले अपने घरों के गंदा पानी को नालों के जरिए नदी में जाने से रोका। कर्ज लेकर सीवर का कनेक्शन लिया। इस तरह नदी में गंदे पानी का प्रवाह कम होने लगा और नदी साफ दिखाई देने लगी।

दरअसल, 2017 से चल रहे नदी सफाई अभियान में नदी किनारे के वे घर बड़ा रोड़ा थे, जिनका गंदा पानी नदी में जा रहा है। सरस्वती, कान्ह और इनसे जुड़े 6 नालों में 300 मिलियन लीटर प्रतिदिन गंदा पानी बहता था। ऐसे लोगों ने कर्ज लेकर अपने घर के पानी के निकास की व्यवस्था की है।

 
बारा मत्था की  रहने वाली राजूबाई दीक्षित ने बताया कि उनके घर की छत पक्की नहीं है फिर भी उन्होंने 30 हजार ब्याज पर रुपये लेकर निगम से सीवर लाइन का कनेक्शन लेकर अपने घर का गंदा पानी नदी में जाने से रोका।इसी तरह छत्रीबाग के सुनील चौहान बताते हैं कि ड्रेनेज लाइन डालने के लिए हमें और गली वालों को 45-45 हजार का खर्च आया है।

सभी समझते थे कि नदी में गंदा पानी डालकर गलत कर रहे हैं। अब काम हो गया है तो अच्छा लगता है कि नदी साफ होगी तो बदबू नहीं आएगी और नदी किनारे रहने का सुख मिलेगा। इसी प्रकार बदरीबाग के मो. रफीक बताते हैं कि हम सालों से नाले किनारे रहने का दर्द झेल रहे थे। मजबूरी थी कि ड्रेनेज लाइन नहीं थी। निगम ने चेंबर बनाए तो हमने भी कर्ज लेकर अपने घर का पानी चेंबर तक पहुंचा रहे है। 


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