लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय हवाला रैकेट का पर्दाफाश ! एक करोड़ व विदेशी मुद्रा के साथ एजेन्ट गिरफ्तार
डीआरआई की टीम ने खुर्रमनगर में एक करोड़ रुपये और लाखों की विदेशी मुद्रा के साथ एक ट्रैवेल एजेन्ट को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाला कारोबार रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। बीती देर रात राजस्व आसूचना निदेशालय ने एक बड़े हवाला कारोबार रैकेट का यहां खुलासा करते हुए डीआरआई की टीम ने खुर्रमनगर में एक करोड़ रुपये और लाखों की विदेशी मुद्रा के साथ एक ट्रैवेल एजेन्ट को गिरफ्तार किया है।
वहीं पूछताछ में अंतर्राष्ट्रीय रैकेट और विदेशी हाथ होने का शक होने पर डीआरआई ने ईडी को भी सूचना दे दी। इस आरोपी की ट्रैवेल एजेन्सी का दफ्तर विधानसभा से चन्द कदम दूर हुसैनगंज में है। इस दफ्तर में कम्प्यूटर व कुछ दस्तावेज भी मिले जिसे कब्जे में ले लिया गया। वहीं डीआरआई की टीम इसके आका के बारे में पता लगाने में जुट गई है।
बताते चलें कि डीआरआई टीम म्यांमार से तस्करी कर सोना भारत लाये जाने वाले नेटवर्क की जांच कर रही थी। ये जांच आगे बढ़ने पर इसके तार हवाला से भी जुड़ गए। इस दौरान ही डीआरआई को राजधानी स्थित खुर्रम नगर की एक गली में इस एजेन्ट के होने की जानकारी मिली थी।
इसके बाद ही टीम ने इस गली में एक घर पर छापा मारा। यहां सबसे ऊपरी मंजिल पर रहने वाले शख्स के पास करेंसी होने की सूचना थी पर टीम को यह अंदाजा नहीं था कि युवक के पास इतनी मात्रा में विदेशी मुद्रा होगी। साधारण से दिखने वाले उस शख्स के पास डीआरआई को एक करोड़ रुपए की भारतीय मुद्रा के साथ विदेशी करेंसी भी मिली है। वहीं डीआरआई के मुताबिक आरोपी ने बताया है कि हुसैनगंज स्थित दिलकुशा अपार्टमेंट में उसका दफ्तर है।
इस मामले में अभी कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस मामले की जांच जारी है। दरअसल डीआरआई ने मुगलसराय स्टेशन पर तीन किलो सोना पकड़ा था। गिरफ्तार आरोपी ने हवाला कारोबार की बात कबूल की थी। इसी क्रम में वाराणसी से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में पूंछताछ में इसके लखनऊ कनेक्शन का भी खुलासा हुआ था जिसमें लखनऊ के इस ट्रैवेल एजेन्ट का नाम बताया गया था।
डीआरआई के अफसरों के अनुसार इन हवाला कारोबारियों के काम करने का तरीका अजीबोगरीब था। एक शहर में पैसा देने वाले शख्स को एक 10, 20 या 50 का नोट दिया जाता था। दूसरे शहर में व्हाट्सएप से उसकी फोटो भेज दी जाती। जब दूसरे शहर में कुुॅरियर ट्रेडर के पास पहुंचता तो वह नोट के नम्बर से पहचान पुख्ता करने के बाद हवाला पैसे का भुगतान करता था। बहरहाल इस मामले में जांच जारी है।