एक तरफ प्रतिबंध की चर्चा तेज, दूसरी ओर ईरान ने बना लिए चार नए सैन्य हथियार

टीम भारत दीप |
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आईआरजीसी कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी
आईआरजीसी कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी

आईआरजीसी कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी ने इन स्वदेशी हथियारों के बारे में बताया

तेहरान (ईरान) । ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी किसी से छुपी हुई नहीं है। अमेरिका ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाकर उसे घेरने की कोई कसर नहीं छोड़ता है। वहीं हथियारों की खरीद पर ईरान पर लगाए प्रतिबंध अक्टूबर में खत्म हो रहे हैं और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाए जाने की भी चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में ईरान का चार नए सैन्य हथियार बनाने का दावा करना अमेरिका के लिए अच्छी खबर नहीं है। 

ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने चार नए सैन्य हथियारों के बारे में जानकारी सार्वजनिक की है। इनमें से एक जासूसी ड्रोन है जो 12,000 फ़ुट की ऊंचाई से भी काम कर सकता है। शनिवार को आईआरजीसी कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी ने इन स्वदेशी हथियारों के बारे में बताया जिन्हें आईआरजीसी ग्राउंड फ़ोर्स के रिसर्च एंड सेल्फ़-सफ़िसिएंशी जिहाद ऑर्गनाइज़ेशन ने बनाया है।

शीर्ष सेना ने बनाए ये हथियार

इन हथियारों में एक बीटीआर-50 टैंक है जो मकरान टैंक का एक नया वर्ज़न है। इसकी बॉडी को एक नया लुक दिया गया है। इसमें फ़ायर कंट्रोल सिस्टम, थर्मल नाइट-विजन कैमरा और दूरी मापने के लिए एक लेज़र प्रणाली है। जिसके ज़रिए ये ज़मीन और हवा में निशाना बनाने में सक्षम है। इस टैंक में 30 एमएम कैलिबर की ऑटोमैटिक तोप और 7.62 कैलिबर की मशीनगन हैं जो टैंक के अंदर से गनर नियंत्रित कर सकता है।

क्या है अमेरिका की चिंता

ईरानी सेना की फाइल फोटो


ईरान पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से लगाए गए प्रतिबंध अक्टूबर में खत्म होने वाले हैं और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गत गुरुवार को ही ईरान पर फिर से ​प्रतिबंध पर लगाए जाने की चर्चा को हवा दे दी है। उन्होंने कहा था कि यदि ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाया नहीं गया तो वह रूसी और चीनी विमान खरीद सकता है। वहीं आईआरजीसी प्रमुख का कहना है कि यदि उन पर प्रतिबंध बढ़ता भी है तो उनकी सैन्य ताकत पर इसका कोई असर न हीं पड़ने वाला है। 


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