कलियुगी मां ने तीन माह के बेटे का पचास हजार में किया सौदा, पुलिस ने एक घंटे में किया पर्दाफाश
महिला ने आर्थिक तंगी से तंग आकर बच्चे को बेचने की साजिश रची, इसके बाद घर वालों को बेवकूफ बनाने के लिए बच्चे के अपहरण का नाटक करने लगी। महिला के देवर तबरेज ने बताया कि मेरे बड़े भाई शमशाद गोरखनाथ इलाके में कबाड़ का काम करते हैं।शादी के बाद से ही वह अपने परिवार के साथ रसूलपुर मोती बगिया में रहते हैं।
गोरखपुर। मुख्यमंत्री के गृहजनपद में एक कलयुगी मां ने गरीबी से तंग आकर अपने मासूम बच्चे का पचास हजार में एक महिला से सौदा कर लिया यहां कि उसे लिखित में भी दे दिया। इसके बाद पति और दुनिया को बहकाने के लिए बच्चे के अपहरण का नाटक करने लगी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने एक ही घंटे में इस कलियुगी मां की पोल खोलकर रख दी।
वुलिस ने बच्चा खरीदने वाली महिला और बच्चे की मां दोनों पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। आरोपित मां ने बच्चे को बेचने की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है।दरअलस रविवार शाम गोरखनाथ इलाके के इलाहीबाग की रहने वाली सलमा खातून पत्नी शमशाद ने पुलिस को सूचना दी कि वह रसूलपुर स्थित शहनाई मैरिज हाउस के पास से पैदल गुजर रही थी।
इस बीच लाल रंग की साड़ी पहनी हुई एक महिला आई। उसने उससे बच्चा छीना और चार पहिया गाड़ी से फरार हो गई। बच्चे के अपहरण की सूचना पर पुलिस के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में एसपी सिटी सोनम कुमार मौके पर पहुंचे और मामले की पड़ताल शुरू कर दी। पूछताछ में महिला अपना बयान लगातार बदलने लगी तो पुलिस को शक हुआ।
पुलिस ने मामले की गंभीरता से लेते हुए घटनास्थल से ही सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी में ही शातिर मां की हरकतें कैद हो गई थीं। मासूम की मां ने जिस महिला पर बच्चे के अपहरण का आरोप लगाया वह खुद घटनास्थल पर उससे काफी देर बात करती हुई कैमरे में कैद हो गई थी।
इसके बाद महिला ने एक ई-रिक्शा रुकवाया और बच्चे को उस महिला के हाथों में सौंप दिया। बच्चे को लेकर वह महिला चली गई।एसपी सिटी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बच्चे को लेकर गई महिला को खोजना शुरू किया गया।
आखिरी फुटेज उसका गोरखनाथ थाने के बगल वाली गली में मिली जबकि हुमायूंपुर रोड पर आखिरी लोकेशन पाई गई। इसी आधार पर पुलिस ने शाही सिद्दीकी नाम की महिला को पकड़ लिया और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया। एसपी सिटी ने बताया कि मां ने ही बच्चे को 50 हजार रुपये में दूसरी औरत के हाथों बेच दिया था। पुलिस ने बच्चे को उसके घर वालों को सौंप दिया।
आर्थिक तंगी की वजह से उठाया कदम
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि महिला ने आर्थिक तंगी से तंग आकर बच्चे को बेचने की साजिश रची, इसके बाद घर वालों को बेवकूफ बनाने के लिए बच्चे के अपहरण का नाटक करने लगी। महिला के देवर तबरेज ने बताया कि मेरे बड़े भाई शमशाद गोरखनाथ इलाके में कबाड़ का काम करते हैं।
शादी के बाद से ही वह अपने परिवार के साथ रसूलपुर मोती बगिया में रहते हैं। परिवार के अन्य लोग रसूलपुर में ही दूसरे मकान में रहते हैं। शमसाद के चार बच्चे हैं। तीन बेटे और एक बेटी है। सबसे छोटा बेटा जो तीन महीने का है, उसी के अपहरण की कहानी भाभी सलमा ने गढ़ी है।
इससे पहले परिवार में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था। सलमा खातून ने बेटे को बेचने की जानकारी पति को भी नहीं दी थी। काम से पति लौटा तो छोटे बेटे को नहीं देखने पर सलमा से सवाल-जवाब किया। इसके बाद भी सलमा ने पति शमशाद को जानकारी नहीं दी। पति को गुमराह करने के लिए ही बेटे के अपहरण की कहानी तक गढ़ डाली।
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