लखनऊ में बांके से काटकर कलयुगी बेटे ने ही पिता को सुलाई थी मौत की नींद

टीम भारत दीप |
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नशे का शौक पुरा करने के लिए पिता को मारकर खेत बेचना चाहता था बेटा।
नशे का शौक पुरा करने के लिए पिता को मारकर खेत बेचना चाहता था बेटा।

8 अक्टूबर की देर रात राम सागर यादव अपने पिता के पास रात के अंधेरे मे आया और अपने पिता की बांके से हत्या करके अपने रूकन्दी पुर घर चला गया ।

लखनऊ। लखनऊ के तालकटोरा थाना क्षेत्र में सात दिन पहले 90 साल के वृद्ध बुजुर्ग ज्ञानी यादव की बेरहमी से हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक यह हत्या किसी और ने नही बल्कि  बेटे ने सम्पत्ति के लालच में की थी। पिता की हत्या का आरोप लगाकर बेकसूर को फंसा दिया था, पिता की हत्या करने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

इसी महीने की 9 तारीख की सुबह मूल रूप से दोस्तपुर गौरीगंज अमेठी के रहने वाले 90 वर्षीय बुजुर्ग ज्ञानी यादव की धारदार हथियार से गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गई थी । ज्ञानी यादव की हत्या के मामले में ज्ञानी यादव के पुत्र सागर राम उर्फ राम सागर यादव ने सागर गुप्ता पर अपने पिता की हत्या का शक जाहिर करते हुए हत्या का मुकदमा तालकटोरा थाने मे दर्ज कराया था। मृतक के पुत्र ने पुलिस को बताया था कि सागर गुप्ता से 60 हजार रुपए के लेन देन के विवाद मे उसके पिता की हत्या की गई है।

अपने पिता की हत्या का मुकदमा दर्ज कराकर पिता की हत्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले इस कातिल बेटे ने अपने पिता की हत्या जिस बाके से की थी उस बांके को उसने घटना स्थल के करीब झाड़ियो मे नाले के किनारे फेंक दिया था। हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद इन्स्पेक्टर तालकटोरा धनन्जय सिंह ने जब मुकदमे की जांच शुरू की तो उन्हें वादी मुकदमा मृतक के पुत्र पर शक हुआ तो वो जांच के लिए उसके पैतृक गांव गए जहां उन्हें पता चला की राम सागर ने गांव मे भी एक महिला पर कातिलाना हमला किया था।

पुलिस के शक के दायरे मे आए राम सागर यादव को हिरासत मे लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पिता की हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया। इन्स्पेक्टर तालकटोरा धनन्जय सिंह के मुताबिक पिता के कातिल पुत्र राम सागर ने अपने पिता की 12 बीघा जमीन भी बेच डाली थी और गांव में बचे एक मकान को भी वो अपने पिता से बेचने के लिए दबाव बना रहा था। पुलिस के मुताबिक राम सागर तीन महीने पहले अपने पिता को गांव से लाया था और उसने टैम्पो स्टैन्ड के करीब बनी झोपड़ पटटी में अपने पिता को ठहराया था।  राम सागर ने सागर गुप्ता से 60 हजार रुपए उधार लिए थे यही नही और लोगो से कर्ज लिए है और कर्ज लेकर शराब के नशे मे उड़ा दिए।

पुलिस के मुताबिक मृतक ज्ञानी यादव के एक ही संतान राम सागर यादव है क्योंकि सागर यादव शराब का लती है इसलिए वो अपनी बाकी बची हुई जायदाद को अपने पोतो के लिए बचा कर रखना चाहते थे, लेकिन राम सागर को ये मंजूर नही था। 8 अक्टूबर की देर रात राम सागर यादव अपने पिता के पास रात के अंधेरे मे आया और अपने पिता की बांके से हत्या करके अपने रूकन्दी पुर घर चला गया। सुबह जब पिता की हत्या का शोर हुआ तो उसने सागर गुप्ता को फंसाने के लिए उस पर हत्या का आरोप लगा कर मुकदमा दर्ज करा दिया था।


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