कानपुर के बिकरू कांड में पुलिस का खुलासा, हथियार छीने फिर पुलिसकर्मियों को मारी गई गोली
दो जुलाई की रात पुलिस टीम बिकरू गांव में दबिश देने पहुंची तो विकास दुबे के घर की ओर बढ़ते ही टीम पर अचानक छतों से गोलियां चलने लगी थीं। इससे पुलिसकर्मियों को संभलने का मौका ही नहीं मिला।
कानपुर। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले और उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठा देने वाले कानपुर जिले के बिकरू कांड की जांच में नए खुलासे हो रहे हैं। अब खुलासा हुआ है कि शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों में से चार के पास असलहे थे लेकिन उनकी ओर से एक भी गोलियां अपराधियो पर नही चलाई गईं।
हमलावरों ने उनके असलहे छीन लिए और उन्हें मार दिया। इस बात इस बात का उल्लेख चार्जशीट में किया गया है। पुलिसकर्मियों के असलहे हमलावरों ने लूट लिए थे। बाद में लूटी गई एके 47 रायफल से बदमाशों ने ही गोलियां चलाई थीं।
बता दें कि जब दो जुलाई की रात पुलिस टीम बिकरू गांव में दबिश देने पहुंची तो विकास दुबे के घर की ओर बढ़ते ही टीम पर अचानक छतों से गोलियां चलने लगी थीं। इससे पुलिसकर्मियों को संभलने का मौका ही नहीं मिला।
गोली लगने से सीओ देवेंद्र मिश्रा, शिवराजपुर थाना प्रभारी महेश यादव, मंधना चैकी प्रभारी अनूप कुमार सिंह, दारोगा नेबूलाल, सिपाही जितेंद्र, सुल्तान, राहुल व बबलू कुमार की मौत हो गई थी। चार्जशीट के मुताबिक इनमें से महेश व अनूप के पास उनकी पिस्टल थीं, जबकि जितेंद्र के पास एके 47 व सुल्तान के पास इंसास रायफल थी।
लेकिन, घायल होने के कारण उनमें से कोई भी गोली नहीं चला पाया। यही नहीं, अन्य पुलिसकर्मी उन्हें गोलीबारी के बीच से सुरक्षित स्थान पर निकालकर नहीं ला सके।
बाद में छतों से उतरकर हमलावरों ने उन आठ पुलिसकर्मियों पर फिर गोलियां बरसाईं और असलहे लूटकर ले गए। इस पूरे कांड के दौरान एक भी फायर पुलिस की तरफ से नहीं हुआ। अब जांच में पूरी तरह से खुलासा हो रहा है।