यूपीः बदमाश को पकड़ने गई पुलिस पर घातक हमला, सीओ सहित 8 शहीद
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बिठूर थाना क्षेत्र और चौबेपुर थाना क्षेत्र की टीम सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र के नेतृत्व में दबिश के लिए पहुंची। इस पर पहले से घात लगाकर बैठे बदमाशों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुरूवार रात एक कुख्यात अपराधी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला बोल दिया। इसमें पुलिस के डीएसपी रैंक के अफसर समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। एनकाउंटर में तीन बदमाश भी मारे गए लेकिन मुख्य आरोपी फरार है। घटना के बाद पूरे प्रदेश की सीमाएं सील कर बदमाशों की तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुःख जताते हुए डीजीपी को फरार बदमाशों को जल्द से जल्द पकड़ने के निर्देश दिए हैं।
इस एनकाउंटर में कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए। उनका इलाज कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में चल रहा है। मौके पर यूपी के एडीजी लाॅ एंड आर्डर समेत प्रशांत कुमार और डीजीपी हितेश चंद अवस्थी भी पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कानपुर पहुंचकर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी।
डीजीपी हितेश चंद अवस्थी ने बताया कि कानपुर के राहुल तिवारी ने चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी कुख्यात विकास दुबे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पर कानपुर के बिठूर थाना क्षेत्र और चैबेपुर थाना क्षेत्र की टीम सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र के नेतृत्व में दबिश के लिए पहुंची। इस पर पहले से घात लगाकर बैठे बदमाशों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।
बदमाशों ने गांव में प्रवेश के रास्ते पर जेसीबी लगाकर उसे ब्लाॅक कर दिया था। इसके बाद चारों ओर से घेर कर उन्होंने अंधाधंुध फायरिंग शुरू कर दी। इसमें सीओ देवेंद्र मिश्र सहित तीन एसओ और चार कांस्टेबल शहीद हो गए। देखें नाम-
बिठूर थाना के प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 5 पुलिसकर्मी घायल हैं। इनका कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। देखें नाम-
घटना के बाद से विकास दुबे और उसके फरार साथियों की तलाश में दबिश दी जा रही हैं। डीजीपी ने बताया कि पूरे प्रदेश की सीमाओं को सील कर सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास दुबे के पकड़े जाने तक डीजीपी और एडीजी लाॅ एंड आर्डर कानपुर में ही कैंप करने के निर्देश दिए हैं।
राजनीतिक रसूख वाला हिस्ट्रीशीटर विकास
कानपुर के बिकरू कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे कुख्यात अपराधी है। 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और भाजपा नेता संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या के बाद ये सुर्खियों में आया। इसके बाद विकास ने नगर पंचायत का चुनाव लड़ा और जिला पंचायत का सदस्य भी रहा।
विकास के सभी राजनीतिक पार्टियों से संबंध रहे हैं। ऐसे में पुलिस के गिरफ्तार किए जाने के बाद भी वह जमानत पर बाहर आता रहा। नगर पंचायत का चुनाव उसने जेल में रहते ही जीता। डीजीपी ने बताया कि विकास पर हत्या, लूट, डकैती जैसे संगीन 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सीओ को घर में खींच कर मारा
बताया गया है कि एनकाउंटर के बारे में विकास को पहले ही जानकारी मिल गई थी। उसने आसपास के जिलों से करीब 35 बदमाशों को बुलाकर अत्याधुनिक हथियारों सहित काउंटर अटैक की पूरी तैयारी कर ली। पुलिस के गांव में पहुंचने से पहले ही उन्होंने जेसीबी लगाकर रास्ता रोक दिया।
पुलिसकर्मी जैसे ही गाड़ी से उतरे तो पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस वाले कुछ समझ पाते इससे पहले ही आठ लोग मारे गए और कई घायल हो गए। पुलिस की जवाबी फायरिंग में विकास का मामा प्रेमप्रकाश पांडेय और अतुल दुबे नामक दो बदमाश मारे गए।
वर्षाें बाद इतना घातक हमला
यूपी के आईजी नागरिक सुरक्षा अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर कहा कि यूपी पुलिस के इतिहास में कई वर्षाें बाद पुलिस पर इतना घातक हमला हुआ है। उन्होंने इसे आपरेशन की विफलता और गहरे षड्यंत्र की आशंका भी जताई। अपनी पोस्ट में आईजी ने लिखा कि इस घटना से बहुत अंदर तक आहत, स्तब्ध व दुःखी हूं। इससे पहले मिर्जापुर में नक्सलियों से मुठभेड़ में पुलिस के कई जवान शहीद हुए थे।
उन्होंने कुख्यात विकास दुबे को राजनीतिक शह की बात भी कही। उन्होंने लिखा कि इतना बड़ा अपराधी होने के बाद भी मात्र 25000 इनाम होना, इसे लगातार संरक्षण देता रहा।