कानपुर: एसआईटी की जांच में इफ्तिखारुद्दीन दोषी पाए गए, 550 पेज की रिपोर्ट शासन को दी

टीम भारत दीप |

जांच में स्पष्ट हुआ कि वीडियो कानपुर  स्थित मंडलायुक्त आवास के हैं।
जांच में स्पष्ट हुआ कि वीडियो कानपुर स्थित मंडलायुक्त आवास के हैं।

तकरीरें करते आईएएस मो. इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो वायरल होने के बाद शासन ने इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल गठित की थी। 28 सितंबर को शासन ने सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा और एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर के नेतृत्व में जांच के लिए एसआईटी गठित की।

कानपुर। आईएएस मो. इफ्तिखारुद्दीन दोषी पाए गए हैं। एसआईटी की जांच में दोषी पाए गए। विशेष जांच दल ने साक्ष्यों के साथ जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में साहित्य और वीडियो के आपत्तिजनक कन्टेंट को साक्ष्य के तौर पर शामिल किया है।

अब शासन आगे की कार्रवाई तय करेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन पर विभागीय कार्रवाई होना  तय है। मालूम हो कि 26 सितंबर को तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, इसमें इफ्तिखारुद्दीन तकरीरें करते दिखाई व सुनाई दे रहे थे, एक अन्य शख्स धर्मांतरण संबंधी बातें बता रहा था।

तकरीरें करते आईएएस मो. इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो वायरल होने के बाद शासन ने इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल गठित की थी। 28 सितंबर को शासन ने सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा और एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर के नेतृत्व में जांच के लिए एसआईटी गठित की। जांच में स्पष्ट हुआ कि वीडियो कानपुर  स्थित मंडलायुक्त आवास के हैं। उस समय  इफ्तिखारुद्दीन कानपुर के मंडलायुक्त थे।

सूत्रों के मुताबिक 20 दिन चली जांच में करीब 70 वीडियो की जांच की गई, इफ्तिखारुद्दीन की तीन किताबों शुद्ध धर्म, शुद्ध भक्ति, उपासना तथा नमन की एक-एक लाइन का अर्थ समझा गया। तमाम धर्मांतरण व धार्मिक कट्टरता संबंधी बातें मिली हैं।

उसी आधार पर एसआईटी ने जांच कर उनको दोषी ठहराया है, सूत्रों के मुताबिक किसी अन्य एजेंसी से भी जांच कराने की सिफारिश की है। एसआईटी ने आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के बयानों को भी जांच में शामिल किया है, दो दिन में तकरीबन 16 घंटे उनसे पूछताछ की गई थी।

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