कानपुर:विकास दुबे का मददगार ​लिपिक बर्खास्त,173 शस्त्र लाइसेंस की फाइलें गायब करने के मामले में गिरी गाज

टीम भारत दीप |

वर्ष-1997 में विकास दुबे ने जो अपना पहला शस्त्र लाइसेंस बनवाया था।
वर्ष-1997 में विकास दुबे ने जो अपना पहला शस्त्र लाइसेंस बनवाया था।

डीएम नेहा शर्मा ने आरोपी लिपिक को सोमवार देर रात बर्खास्त कर दिया। 2 जुलाई 2020 को बिकरू में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों के बलिदान के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के असलहों की जांच के दौरान एसआईटी को असलहा लाइसेंस गायब होने की बात सामने आई थी।

कानपुर। यूपी में कानपुर के माफिया विकास दुबे के खात्मे को एक साल से ज्यादा हो गया, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में सोमवार को विकास दुबे को मदद करने वाले एक लिपिक को बर्खास्त कर दिया गया।

इस लिपिक पर आरोप है कि इसने विकास दुबे के 173 शस्त्र लाइसेंस की फाइलें गायब कर दी थी। मालूम हो कि आठ साल पहले कानपुर देहात कलेक्ट्रेट के असलहा अनुभाग से 200 फाइलें लाई गई थीं। विकास दुबे और दिवंगत पूर्व मंत्री कमल रानी वरुण समेत 173 लोगों के शस्त्र लाइसेंस गायब होने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है।

डीएम नेहा शर्मा ने आरोपी लिपिक को सोमवार देर रात बर्खास्त कर दिया। 2 जुलाई 2020 को बिकरू में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों के बलिदान के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के असलहों की जांच के दौरान एसआईटी को असलहा लाइसेंस गायब होने की बात सामने आई थी। इसके बाद मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी।

लिपिक पर दर्ज हुई थी एफआईआर 

आपकों बता दें कि सीबीसीआईडी की जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक (वर्तमान में एसीएम सेकेंड के रीडर) विजय रावत पर 22 दिसंबर 2020 को प्रशासन की तरफ से कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

बिकरू कांड के बाद पुलिस ने विकास दुबे समेत गांव के एक-एक शस्त्र लाइसेंस धारकों पर कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस निरस्त कर दिए थे। इस दौरान पता चला कि वर्ष-1997 में विकास दुबे ने जो अपना पहला शस्त्र लाइसेंस बनवाया था, उसकी फाइल गायब है।

एफआईआर दर्ज होने के बाद तत्कालीन डीएम आलोक तिवारी के आदेश पर मामले की जांच शुरू की गई थी। इसमें पता चला कि विकास के शस्त्र लाइसेंस समेत 173 फाइलें गायब हैं। ये फाइलें 131 से 330 क्रमांक तक की थीं।

तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक विजय रावत की अभिरक्षा में रखी गई थीं। प्रशासन ने विजय रावत को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। मामले में एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि लिपिक को बर्खास्त किया गया है।

आरोप पत्र दायर कर चुकी है पुलिस

कोतवाली इंस्पेक्टर ने बताया कि कलक्ट्रेट के क्लर्क वैभव अवस्थी की तहरीर पर विजय रावत पर विश्वास का आपराधिक हनन (धारा 409 आईपीसी) के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में दर्ज मुकदमे की जांच के दौरान कोतवाली पुलिस लिपिक के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र भी दायर कर चुकी है।

कानपुर देहात से लाई गईं थीं फाइलें

मालूम हो कि 8 साल पहले कानपुर देहात कलेक्ट्रेट के असलहा अनुभाग से 200 फाइलें लाई गई थीं। इनमें से 173 फाइलें गायब हो गईं थीं। यह मामला तब दबा दिया गया। जब बिकरू में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए और उनकी शहादत हुई, तो विकास दुबे और उसके सहयोगियों के असलहा लाइसेंस की जांच शुरू हुई, तब गायब फाइलों का खुलासा हुआ था।

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