बाबा का ढाबा नाम से महशहूर कांता प्रसाद ने आथिर्क तंगी से परेशान होकर खाया जहर
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पुलिस के मुताबिक, शराब और नींद की गोलियां खाने के बाद वे बेहोश हो गए थे। उनके बेटे का बयान दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल सफदरजंग अस्पताल में उनका इलाज जारी है। शुरुआती जांच में पुलिस ने आशंका जताई है कि उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया है। मामले की जांच चल रही है।
नई दिल्ली। बाबा के ढाबा के नाम मशहूर बुजुर्ग दंपति के फिर बुरे दिन शुरू हो गए है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस समय उनकी हालत पहले जैसी हो गई है। फिर पति -पत्नी को जीवन गुजारने के लिए पहले जैसा संघर्ष करना पड़ा रहा है। शुक्रवार को 80 वर्षीय कांता प्रसाद आर्थिक तंगी से परेशान होकर खुदकुशी की कोशिश की।
फिलहाल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी उनकी हालत स्थिर है। डॉक्टरों के मुताबि उन्होंने जान देने के लिए शराब में नींद की गोलियां मिलाकर खा ली थी। पुलिस के मुताबिक, शराब और नींद की गोलियां खाने के बाद वे बेहोश हो गए थे। उनके बेटे का बयान दर्ज कर लिया गया है।
फिलहाल सफदरजंग अस्पताल में उनका इलाज जारी है। शुरुआती जांच में पुलिस ने आशंका जताई है कि उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया है। मामले की जांच चल रही है।मालूम हो कि 80 साल के कांता प्रसाद अपनी पत्नी बादामी देवी के साथ साउथ दिल्ली के मालवीय नगर में 'बाबा का ढाबा' के नाम से स्टॉल चलाते हैं।
पिछले साल कोरोना की वजह से उनका काम-धंधा मंदा चल रहा था। इसके बाद उन्होंने एक वीडियो में दुखभरी कहानी दुनिया को सुनाई थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इसके बाद उनके ढाबे पर मटर-पनीर खाने के लिए ग्राहकों की भीड़ लगने लगी।देखते ही देखते बाबा का ढाबा मशहूर हो गया था, लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने उनक्री प्रसिद्धि को छिन लिया।
बॉलीवुड सितारे भी पहुंचे थे मटर पनीर खाने
बाबा का ढाबा नाम से मशहूर बुजुर्ग को कांता प्रसास दो सपोर्ट करने के लिए एक्ट्रेस रवीना टंडन, सोनम कपूर, स्वरा भास्कर समेत कई सेलेब्स सामने आए थे। इन सेलेब्स ने सोशल मीडिया पर लोगों से इनकी मदद करने की अपील भी की थी। यहां तक बड़े-बड़े लोग बाबा के ढाबा का स्वाद लेने पहुंच रहे थे।
इसी प्रसिद्धि में कांता प्रसाद ने दिल्ली के मालवीय नगर में एक नए रेस्टोरेंट की शुरुआत की थी। उन्होंने इसका नाम भी 'बाबा का ढाबा' रखा था और यह उनके स्टॉल के पास ही था। कुछ दिनों बाद ही उन्हें यह रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा था।
उन्होंने बताया था कि रेस्टोरेंट 15 फरवरी को बंद करना पड़ा। इसे चलाने में एक लाख रुपए का खर्च आ रहा था और हमें 36 हजार रुपए कर्मचारियों को देने पड़ते थे। इसका किराया 35 हजार रुपए महीना था। हमें इसमें नुकसान ही हो रहा था, इसलिए इसे बंद करना जरूरी था।
हालांकि, कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपना पुराना ढाबा फिर से शुरू किया था, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे थे, इसलिए उनकी आर्थिक दशा बिगड़ती गई और उन्होंने आज खुदकुशी की कोशिश की फिलहाल अभी वह जिंदगी और मौत से जूझ रहे है।
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