एमएलसी चुनाव में हार के बाद बोलीं कांती सिंह, मतदाताओं ने नहीं सरकारी सिस्टम ने हराया
चुनाव में मतदान से लेकर मतगणना तक घोर धांधली की गई। पूरा प्रशासन सत्ता दल के प्रत्याशी को जीताने में जुटा हुआ था। शिक्षक और स्नातक बुद्धिजीवी वर्ग का चुनाव है। इस चुनाव में धन और सत्ता बल का प्रयोग ठीक नहीं है।
लखनऊ। एमएलसी चुनाव में जमकर धांधली हुई है। मतदाताओं ने नहीं हमें सरकारी सिस्टम ने हराया है। यह बात सोमवार को स्नातक एमएलसी चुनाव में पराजित हुई निर्दलीय प्रत्याषी कांती सिंह ने कही। राजधानी के गोमती नगर स्थित एलपीएस सभागार में उन्होंने कहा कि चुनाव में मतदान से लेकर मतगणना तक घोर धांधली की गई।
पूरा प्रशासन सत्ता दल के प्रत्याशी को जीताने में जुटा हुआ था। शिक्षक और स्नातक बुद्धिजीवी वर्ग का चुनाव है। इस चुनाव में धन और सत्ता बल का प्रयोग ठीक नहीं है। कांती सिंह यहां अपने पति एसपी सिंह व पुत्री सहित कुछ अन्य कार्यकताओं के साथ पत्रकारों से मुखातिब थी।
स्नातक मतदाताओं का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि स्नातक हितों के लिए हम आगे भी कार्य करते रहेंगे हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमारा परिवार भविष्य में स्नातक एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगा। इस मौके पर कांती सिंह व एसपी सिंह ने सीतापुर के महोली थाना के कोतवाल एस.के तिवारी का एक ओडियों भी मीडिया को सुनाया।
जिसमें वे आनंद सिंह (कांती सिंह का मुख्य कार्यकर्ता) को यह कहते हैं कि यह ऊपर से आदेष है। आप चुपचाप थाने पर आ जाएं, यहां आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। चुनाव समाप्त हो जाने के बाद आपको छोड़ दिया जाएगा। इंस्पेक्टर तिवारी कुछ अन्य कार्यकर्ताओं का नाम भी लेते हैं।
विधान परिषद के पूर्व सदस्य एसपी सिंह ने कहा कि मेरा पूरा परिवार व कार्यकर्ता सरकारी सिस्टम की कार्यप्रणाली को देखकर काफी आहत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा विद्यालय प्रबन्धकों पर दबाव बनाया गया। हर प्रकार से सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार को जीताने में पूरा सिस्टम लगा हुआ था।
उन्होंने कहा कि मतदान एवं मतगणना के समय सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा का प्रयोग करते हुए हमारे एजेंटों को मारा एवं धमकाया गया, हमारी महिला एजेंटों से अभद्र व्यवहार किया गया, उन्हें चोट पहुँचाना तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आज के लोकतंत्र का उदाहरण प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने कहा कि पांचवे चरण की मतगणना में मैं 1000 वोटों से आगे चल रही थी। हमारी बढ़त को देखकर अचानक वहां उपस्थित अधिकारियों ने हमारे मान्य मतों को अमान्य वोट तथा भाजपा प्रत्याशी के अमान्य मतों को मान्य वोटों में जोड़ना शुरु कर दिया। जिसका नतीजा ये हुआ कि भाजपा प्रत्याषी विजयी घोषित कर दिए गए।