भोले बाबा का अभिषेक करने के लिए जल लेने गए कांवड़िये गंगा में डूबकर मौत

टीम भारत दीप |

अनहोनी की आशंका होने पर भाई दिलीप ने पुलिस व गोताखोरों को घटना की जानकारी दी।
अनहोनी की आशंका होने पर भाई दिलीप ने पुलिस व गोताखोरों को घटना की जानकारी दी।

चंदौसी के मोहल्ला लोधियान निवासी हृदेश (21) अपने बड़े भाई दिलीप कुमार व मोहल्लों के लोगों के साथ राजघाट से कांवड़ लेने गया था। हृदेश व अन्य लोग रविवार की शाम राजघाट पहुंच गए थे। भाई दिलीप ने बताया कि रविवार रात कांवड़ सजाने के बाद सभी लोग गंगा घाट पर स्थित धर्मशाला में सो गए।

चंदौली। महाशिवरात्रि पर भोले बाबा का गंगाजल का अीिाषेक करने के लिए राजघाट कांवड़ लेने गए कांवड़िये की गंगा में डूबकर मौत हो गई। कांवड़िये की मौत की खबर से उसके घर में कोहराम मच गया। मालूम हो कि हृदेश अपने भाई व मोहल्लों के लोगों के साथ राजघाट से कांवड़ लेने गया था। युवक की मौत से घर में रोना-पीटना मच गया।

चंदौसी के मोहल्ला लोधियान निवासी हृदेश (21) अपने बड़े भाई दिलीप कुमार व मोहल्लों के लोगों के साथ राजघाट से कांवड़ लेने गया था। हृदेश व अन्य लोग रविवार की शाम राजघाट पहुंच गए थे। भाई दिलीप ने बताया कि रविवार रात कांवड़ सजाने के बाद सभी लोग गंगा घाट पर स्थित धर्मशाला में सो गए।

सोमवार की सुबह तीन बजे सभी गंगा घाट पर स्नान करने के लिए पहुंचे थे। हृदेश अन्य स्थान पर गंगा में स्नान कर रहा था। जब काफी देर तक हृदेश धर्मशाला पर नहीं लौटा तो भाई दिलीप, भतीजा जितेंद्र व अन्य लोग उसे ढूंढने निकले। तभी भतीजे जितेंद्र को गंगा में मोबाइल की लाइट जलती दिखाई दी। पास देखा तो मोबाइल हृदेश का था।

अनहोनी की आशंका होने पर भाई दिलीप ने पुलिस व गोताखोरों को घटना की जानकारी दी। सोमवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे गोताखोरों ने हृदेश का शव गंगा से बाहर निकाला। का शव देख भाई व भतीजा विलाप करने लगे। इसके बाद बिना पुलिस कार्रवाई के शव घर ले आए। शव घर पहुंचने पर मां त्रिवेणी, पिता भागीरथ व छोटा भाई हेमंत विलाप करने लगे। शाम को शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

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