इश्योरेंस खरीदते वक्त रखें इन बातों का ध्यान, वर्ना उठाना पड़ सकता है नुकसान
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इश्योरेंस दरअसल बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट है। ऐसा देखा गया है कि लोग इंश्योरेंस खरीदते वक्त कुछ गलतियां कर जाते हैं। इसी वजह से वह धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में कुछ जरूरी बातें हैं जिनका जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
नई दिल्ली। इश्योरेंस दरअसल बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट है। इसी अनुबंध के आधार पर व्यक्ति बीमा कंपनी को एक निश्चित रकम (प्रीमियम) देता है और इंश्योरेंस कंपनी उस व्यक्ति को पॉलिसी की शर्त के हिसाब से किसी नुकसान की स्थिति में हर्जाना देती है। ऐसे में यदि आप कोई इंश्योरेंस खरीदते हैं तो आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
ऐसा देखा गया है कि लोग इंश्योरेंस खरीदते वक्त कुछ गलतियां कर जाते हैं। इसी वजह से वह धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में कुछ जरूरी बातें हैं जिनका जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
एजेंट के दावों की ऐसे करें जांच
दरअसल पॉलिसी बेचते वक्त बीमा एंजेट कई बड़े—बड़े दावें करते हैं। मगर जरूरी यह है की उनके हर दावे की आप खुद जांच करें। आप बिना पूरा पढ़ें पॉलिसी से जुड़े दस्तावेजों पर साइन न करें। अक्सर बीमा एजेंट यह भी कहते हैं कि सिर्फ आप साइन कर दें बाकी सब मैं कर लूंगा। मगर आपको इस बात को नहीं मानना चाहिए, बल्कि हर चीज को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद ही डाक्यूमेंट पर साइन करना चाहिए।
इंश्योरेंस कंपनी से खुद साधें संपर्क
जानकार बताते है कि बीमा उत्पाद के बारे सही जानकारी हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद बीमा कंपनी में फोन करें। बीमा कंपनियों के 24 घंटे वाले टोल फ्री नंबर उपलब्ध हैं। इन नंबरों पर फोन कर सारी जानकारी जुटाई जा सकती है।
अपनाएं सुरक्षित पेमेंट ऑप्शन
इसके लिए भुगतान का सबसे सुरक्षित ऑप्शन चुनना चाहिए। कैश भुगतान से जितना बचेंगे उतना अच्छा होगा। जानकार बताते हैं कि चेक, डेबिट और क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन तरीकों से पेमेंट करना बेहतर रहता है। इन तरीकों से भुगतान करने पर आपके पास एक प्रमाण होता है कि आपने किसे कितना पैसा दिया हैं।
फर्जी कॉल से रहें सावधान
मौजूदा समय में इंश्योरेंस के नाम पर फर्जी कॉल आना बड़ी समस्या बन गया है। ये फर्जी कॉल करने वाले आपको बड़े-बड़े ऑफर देने का लालच दे सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि प्रामाणिक बीमा चैनल से ही पॉलिसी खरीदी जाए। यदि आपका ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने का प्लान है तो जांच लें कि बीमाकर्ता वेबसाइट का डोमेन असली है अथवा फर्जी।