खाप पंचायत: पहली बार लड़कों पर फरमान, हाफ पैंट पहना तो मिलेगा दंड
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अभी तक देश में लड़कियों के पहनावे पर फरमान समय —समय पर सामने आते रहे है। पहली बार लड़कों के पहनावे पर फरमान जारी किया गया है। नए फरमान के तहत लड़कों को हाफ पैंट या तंग कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई जा रही है।
मुजफ्फरनगर। अभी तक देश में लड़कियों के पहनावे पर फरमान समय -समय पर सामने आते रहे है। पहली बार लड़कों के पहनावे पर फरमान जारी किया गया है।
नए फरमान के तहत लड़कों को हाफ पैंट या तंग कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई जा रही है। बालियान खाप पंचायत के मुखिया और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष ने अब लड़कों के पहनावे पर बयान दिया है।
बागपत पहुंचे खाप के मुखिया नरेश टिकैत ने कहा कि लड़के बाजारों में हाफ पैंट पहनकर न घूमें। फरमान का पालन नहीं करने पर सामाजिक रूप से दंड देने का भी निर्णय दिया गया है।
इस विषय में चौधरी नरेश ने कहा है कि लड़कियों ने काफी पहले मांग की थी कि लड़कों पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। मालूम हो कि इससे पहले भी खाप पंचायत लड़कियों के जींस पहनने और मोबाइल रखने पर प्रतिबंध लगाकर चर्चा में आ चुकी है।
चौधरी नरेश ने कहा,'वल्लभगढ़ की घटना से पूरे देश मे रोष है। एक लड़की की सरेआम हत्या कर दी जाती है। जो बहुत दुखदायी है। बहुत अत्याचार हो रहा है।
आजकल लड़कियां गांव से स्कूल कॉलेज जाती हैं और उनके साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं। सरकार को कठोर कदम उठाना चाहिए। ऐसे अपराधियों पर फांसी की सजा देनी चाहिए।
मालूम हो कि खाप पंचायते आजादी के पहले से अपने सामाजिक कार्यों के लिए जानी जाती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से खाप पंचायत द्वारा सुनाए गए कई फैसले विवादों में आ गए।
खाप पंचायत ने 2004 में चौधरियों ने सगोत्र विवाह पर पाबंदी लगाते हुए एक गोत्र ओर एक गांव में प्रेम विवाह करने वाले प्रेमी युगल को कत्ल करने का फरमान सुना दिया।
उसके बाद 2010 में सिसोली गांव में हुई पंचायत में लड़कियों पर जीन्स पहनने पर पाबंदी लगा दी। साथ ही लड़कियों के मोबाइल प्रयोग करने पर भी खाप पंचायतों ने रोक लगा दी थी।