किसान पंचायतः रालोद नेता जयंत चौधरी बोले, किसानों को बर्बाद कर देंगे नए कृषि कानून
जयंत चौधरी ने कहा कि आज तक सरकार इस बिल में किसानों के लिए क्या अच्छा है। वो नहीं बता पाई हैं। उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे।
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा की मांट विधानसभा में आयोजित किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए रालोद नेता जयंत चौधरी ने केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों पर बोलते हुए कहा कि सरकार कह रही है कि आज किसान आजाद हो गया है। वो अपनी फसल को देश के किसी भी हिस्से में बेच सकता है। किसान केरल जाकर बेच सकता है, बिहार जाकर बेच सकते हैं।
उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि किसान कभी भी बंधक नहीं था कि वो किसी दूसरे राज्य में अपनी फसल को नही बेच सके। वहीं केन्द्र सरकार पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग पूछते हैं कि कानून में काला क्या है? तो मैं उनसे उल्टा पूछता हूँ कि आप बता दो इसमें अच्छा क्या है? जयंत चौधरी ने कहा कि आज तक सरकार इस बिल में किसानों के लिए क्या अच्छा है।
वो नहीं बता पाई हैं। उन्होंने कहा कि ये कृशि कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे। जयंत चौधरी ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज किसान सरकारी अधिकारियों से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। अलीगढ़ में रामजी लाल ने बिजली अधिकारी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज आवारा पशु खेतों में 56 भोग कर रहे हैं।
डीजल और पेट्रोल के भाव बेहताशा बढ़ रहे हैं। डीएपी का बोरा सरकार 1250 से 1400 करने की फिराक में है। उन्होंने कहा कि यूरिया के बोरे का वजन पांच किलो कम कर दिया। सरकार की समझदारी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को लगता है कि किसान नासमझ है। उसे कुछ समझ में नहीं आता है।
पर वे गलती कर रहे हैं किसान सिर्फ मेहनत ही नहीं करता है वो अपनी मेहनत का सही दाम लेना भी जानता है। और जिसे हमारा इतिहास न पता हो तो हमारा इतिहास पढ़ लें । हमने तो अंग्रेजों तक को उखाड़ फेंका था। होना तो यह चाहिए कि पूरे देश के किसान से एमएसपी पर तय किए गए भाव में ही फसल खरीदी जाए। पर हो इसके उलट रहा है।
उदाहरण देते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि बाजरे का रेट 2150 है पर किसान को वास्तव में 1050 से 1100 के बीच में मिल रहा है। गेहूं का सरकारी भाव 1975 का है पर क्या इतना भाव किसान को मिल पाया है? जयंत चौधरी ने कहा कि 2011 में एमएसपी पर कानून की बात करते थे और आज एमएसपी को खत्म करने पर उतारू हैं।
दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान हमारे भाई हैं आज उनका खून बह रहा है। सभा में बैठे हुए लोगों से अपील करते हुए उन्होंने पूछा कि क्या आपका खून उनके खून से अलग है ? गन्ना किसानों का मुद्दा भी इस सभा में उठाया और कहा कि मोदीजी 2017 में जब उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए आए थे तो वादा करके गए थे कि गन्ने का रेट 400 प्रति क्विंटल होना चाहिए और 14 दिन में भुगतान।
400 का रेट तो छोड़िए 3 साल से 1 रुपया तक नहीं बढ़ाया। इसलिए आप को फैसला लेना होगा और लकीर खींच लीजिए इस बात को लेकर कि कौन आपका है और कौन आपके ख़िलाफ है। आपको सबक सीखाना होगा ताकि भविष्य में भी कोई भी सरकार आ जाए किसान की तरफ आंख उठाकर न देख पाए।