बहू-बेटे से परेशान वृद्ध मां पीएम मोदी के नाम करना चाहती हैं अपनी पूरी संपत्ति
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वृद्धा की बातें सुनकर ऐसा लग रहा था, कि वह बेटे -बहुओं द्वारा सही तरीके से देखभाल नहीं किए जाने से नाराज है। वृद्धा इसलिए अपनी सारी जमीन प्रधानमंत्री के नाम करके उन्हें सबक सीखाना चाहती है। वृद्धा का बार-बार यहीं कहना था कि उसका गुजारा वृद्धावस्था पेंशन से हो जा रही है।
मैनपुरी। प्रदेश के मैनपुरी तहसील में बुधवार को उस समय अधिवक्ता सन्न रह गए, जब एक वृद्ध महिला अपने सारी जमीन प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर करने को अड़ गई।अधिवक्तओं ने किसी तरह वृद्धा को समझाकर घर भेजा।
चौंका देने वाला यह मामला मैनपुरी जिले की तहसील में सामने आया। यहां एक बुजुर्ग महिला अपनी सारी जमीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर करने के लिए तहसील पहुंचीं थी। महिला द्वारा प्रधानमंत्री के नाम पर खेत करने की बात सुनकर वकील भी हैरान रह गए।
महिला का कहना था कि वह अपनी अपने सारे खेत प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही करेगी। विकास खंड किशनी के गांव चितायन की रहने वाली 85 वर्षीय बिट्टन देवी पत्नी पूरन लाल बुधवार दोपहर को तहसील स्थित अधिवक्ता कृष्णप्रताप सिंह के बस्ते पर पहुंचीं थीं। उन्होंने वकील से कहा कि वह अपनी साढ़े 12 बीघा जमीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करना चाहती हैं।
बुजुर्ग बिट्टन देवी की बात सुनकर अधिवक्ता चौंक गए, लेकिन फिर से पुछने पर वृद्धा ने वहीं बात दोहराई, अधिवक्ता ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन बिट्टन देवी अपनी जिद पर अड़ी रहीं। बिट्टन देवी ने बताया कि उनके पति की मौत हो चुकी है। उनके दो बेटे और बहुएं उनका ख्याल नहीं रखते हैं।
सरकार की ओर से मिल रही वृद्धावस्था पेंशन से उनका गुजारा हो रहा है। ऐसे में वह अपने नाम दर्ज भूमि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करना चाहती हैं।अधिवक्ताओं द्वारा समझाने के बाद भी बिट्टन देवी एक भी बात सुनने को तैयार नहीं हुईं। इस पर अधिवक्ता ने उन्हें यह कहकर घर भेजा कि वह उप जिलाधिकारी से इस संबंध में वार्ता करेंगे। बुजुर्ग महिला दो दिन बाद दोबारा आने की बात कहकर वापस चली गईं।
बेटे- बहुओं से परेशान है वृद्धा: वृद्धा की बातें सुनकर ऐसा लग रहा था, कि वह बेटे -बहुओं द्वारा सही तरीके से देखभाल नहीं किए जाने से नाराज है। वृद्धा इसलिए अपनी सारी जमीन प्रधानमंत्री के नाम करके उन्हें सबक सीखाना चाहती है।
वृद्धा का बार-बार यहीं कहना था कि उसका गुजारा वृद्धावस्था पेंशन से हो जा रही है। उसे उस खेत की जरूरत नहीं है। कहीं न कहीं वृद्धा अपनों की उपेक्षा से नाराज है, इसलिए अपनी सारी संपत्ति प्रधानमंत्री मोदी के नाम करना चाहती है।