जानें क्यों गोरखपुर की सड़कों पर लगा किन्नरों का मेला, देखने पहुंचे रहे लोग
किन्नर समाज की सुख -समृद्धि की कामना को लेकर मंगलवार को कलश यात्रा निकाली गई। इसमें किन्नर समाज के लोग नाचते गाते पादरी बाजार से गोड़धोइया पुल स्थित मजार पर पहुंचे। वहां मत्था टेका। उसके बाद अष्टभुजी माता के मंदिर पर गए। वहां पर भी दर्शन कर मत्था टेका। उसक बाद आरती जयकारा लगाया।
गोरखपुर। इन दिनों गोरखपुर शहर में किन्नरों का 11 दिवसीय सम्मेलन चल रहा है। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश भर से किन्नर समाज के लोग आए हुए है।किन्नरों के सम्मेलन से शहर की रौनक कुछ ज्यादा बढ गई है।
महासम्मेलन में विभिन्न समस्याओं पर चर्चा
मालूम हो कि अखिल भारतीय किन्नर महासम्मेलन में किन्नर समाज के लोग अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर महामंथन करते हैं। वहीं देश और समाज के भलाई के लिए कामना भी करते हैं।
किन्नर समाज की सुख -समृद्धि की कामना को लेकर मंगलवार को कलश यात्रा निकाली गई। इसमें किन्नर समाज के लोग नाचते गाते पादरी बाजार से गोड़धोइया पुल स्थित मजार पर पहुंचे। वहां मत्था टेका। उसके बाद अष्टभुजी माता के मंदिर पर गए। वहां पर भी दर्शन कर मत्था टेका। उसक बाद आरती जयकारा लगाया।
फोटो लेने वालों की लगी रहीभीड़
एक साथ किन्नर समाज के लोगों को नाचते गाते देख काफी संख्या में लोगों की भीड़ जुट रही है। लोग मोबाइल से उनके फोटो और वीडियों बनाने में जुटे हैं। कलश यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में शाहपुर पुलिस के अलावा कई थाने की पुलिस फोर्स लगी हुई है।
यातायात बाधित न हो इसके लिए ट्रैफिक पुलिस लगाई गई थी। कलश यात्रा में किन्नर समाज के लोगों पर पुष्प वर्षा भी किया गया और इनका आशीर्वाद लिया गया। किन्नरों ने कोरोना से हुए उथल-पुथल को शीघ्र ही सही होने की कामना की।
यहां से आए हैं किन्नर
किन्नर समाज की महामंडलेश्वर किरण गिरी और इस कार्यक्रम की आयोजक प्रेम नायक किन्नर का कहना है कि उनके इस सम्मेलन में राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, कलकत्ता, उत्तराखंड,गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लोग आए हुए हैं। सम्मेलन के जरिए वह अपने यजमानों की सुख समृद्धि की कामना करते हैं।
इस बार विशेष रूप से देश से कोरोना खत्म होने की प्रार्थना भी कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में दिल्ली से आई प्रीति किन्नर और कानपुर से आई अंकिता किन्नर का कहना है कि इस कार्यक्रम का उनको सालों से इंतजार रहता है। गोरखपुर में सात साल बाद आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में वह जब अपने समाज के पूरे देश के लोगों से मिलते हैं। उन्हें काफी अच्छा लगता है।