लखीमपुर खीरीः राकेश टिकैत बोले, समझौता बर्खास्तगी और गिरफ्तारी पर हुआ न कि रुपयों पर
किसानों को मिले मुआवजे पर। यदि कोई मंत्री यह समझ रहा है कि समझौता मुआवजे पर हुआ है तो वह अपनी जुबान को लगाम देकर इस तरह की बयानबाजी न करें। अपना एकाउंट नंबर दे दें, जो पैसा किसानों को दिया गया उतना पैसा ट्रांसफर करा दिया जाएगा।
बरेली-लखीमपुरखीरी। यूपी के लखीमपुरखीरी में हुए बवाल के बाद सियासी घमासान रूकने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार ने इस मामले को शांत कराने के लिए राकेश टिकैत से बात करके मृतक किसानों के स्वजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी दिया था।
दूसरी तरफ लोगों ने टिकैत पर ही आरोप लगाने शुरू कर दिए थे, कि पैसा लेकर मामले को शांत करा दिया।इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा समझौता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पर हुआ है न कि किसानों को मिले मुआवजे पर।
यदि कोई मंत्री यह समझ रहा है कि समझौता मुआवजे पर हुआ है तो वह अपनी जुबान को लगाम देकर इस तरह की बयानबाजी न करें। अपना एकाउंट नंबर दे दें, जो पैसा किसानों को दिया गया उतना पैसा ट्रांसफर करा दिया जाएगा।
आपकों बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के मुखिया राकेश टिकैत ने यह बात बुधवार को मोहल्ला हाथीपुर स्थित गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं। किसान नेता अपने लाव लश्कर के साथ दोपहर करीब डेढ़ बजे गुरुद्वारा पहुंचे।
कुछ देर तक वहीं पर आराम कर लंगर छका। इसके बाद उन्होंने कहा कि हमारा समझौता तो यह था कि शवों का दाह संस्कार हो जाए। हम शव पर आंदोलन नहीं करना चाहते, जो भी निर्णय लिए गए हैं उसमें परिवार और संयुक्त मोर्चा के लोगों की सहमति है।
टिकैत ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि हालात देखते हुए सरकार ने सात दिन का समय मांगा है। निर्धारित समय में यह कांड कराने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री इस्तीफा दें और पिता-पुत्र की गिरफ्तारी हो। निश्चित समय में गिरफ्तारी और बर्खास्तगी न होने पर पगड़ी रस्म के दिन देशव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन स्थगित नहीं हुआ है। जब तक तीनों बिल और एमएसपी की गारंटी नहीं ली जाती तब तक निरंतर जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि अब पुलिस अपने काम पर लग जाए। अंतिम अरदास तक हमें हर हालत में रिजल्ट चाहिए।
बोले, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पर भी 120बी में मुकदमा है। उन्होंने कहा कि पत्रकार भी किसान है, उसको भी मुआवजा मिलना चाहिए। भिंडार वाले की फोटो वाली टी शर्ट के सवाल पर कहा कि कुछ लोग उसे संत मानते हैं, लेकिन सरकार आतंकवादी।
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