मध्यप्रदेश में दीपावली से पहले बुझा 4 घरों का चिराग, गांव वाले बोले अब पीली मिट्टी से नहीं पोतेंगे घर
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक गांव में दुखद हादसा हुआ। यहां त्योहार पर घर की लिपाई— पुताई के लिए मिट्टी लेने गए एक गांव के 4 बच्चे मिट्टी का टीला धसकने से दबकर अकाल मौत के शिकार हो गए।
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक गांव में दुखद हादसा हुआ। यहां त्योहार पर घर की लिपाई- पुताई के लिए मिट्टी लेने गए एक गांव के 4 बच्चे मिट्टी का टीला धसकने से दबकर अकाल मौत के शिकार हो गए।
त्योहार से सिर्फ 4 दिन पहले बरखेड़ी अब्दुल्ला गांव में हुए हादसे ने त्योहार की खुशियों को मातम में बदल दिया। यहां त्योहार पर घर की लिपाई करने के लिए पीली मिट्टी खोदने गए 6 बच्चे खदान धंसने से दब गए, जिसमें 4 की मौत हो गई, वहीं 2 को बचा लिया गया।
गांव में हाहाकार मचा हुआ है। गांव के लोग सदमें में हैं। गांव वालों का कहना है कि अब ये दिवाली हमारे लिए दुख लेकर आई है, अब किसी भी घर में पीली मिट्टी से न तो आंगन लीपेंगे और न ही दीवारें पुतेंगी।
घर की खुशियां तो बच्चे होते हैं, जब वही नहीं हैं, तो फिर क्या बचता है।जैसे ही लोगों को बच्चे के मिटटी में दबने की जानकारी हुई तो सभी घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े, सभी हाथों से मिट्टी हटाने में जुट गए।
न जब बच्चों को बाहर निकाला गया तो चार बच्चों की सांसे थम चुकी थी, लेकिन दो बच्चों की सांसे चल रही थी। जिन्हें परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे जिनकी हालत अब ठीक है।
जानकारी के अनुसार गांव के 7 बच्चे मिट्टी खोदने गए थे। सभी मिट्टी खोदकर घर आने की तैयारी कर रहे थे। पहले गांव की बंटी मिटटी लेकर निकल रही थी उसके पीछे सार बच्चे थे तभी हादसा हो गया। बंटी का भी एक पैर मिट्टी में दब गया।
बंटी ने शोर मचाकर लोगों को बुलाया तो पास काम कर रहा युवक मौके पर पहुंचा तो वह घटनास्थल को देख अवाक रह गया। उसने तत्काल बंटी को बाहर निकाला, बंटी ने बताया कि मिट्टी में कई बच्चेे और दबे है।
उस युवक ने गांव के और लोगों को बुलाया सभी ने किसी तरह बच्चों को बाहर निकाला। अगर बंटी ने आवाज नहीं लगाती तो मिट्टी में दबे सभी बच्चे नहीं बचते । हादसे में मरने वाले बच्चों की उम्र 7 से 12 साल है। सभी बच्चों के पिता मजदूरी करके घर चलाते हैं।