यूपी में अब 24 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, जरूरी सेवाओं को रहेगी छूट

टीम भारत दीप |
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इमरजेंसी सेवाओं,वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में छूट बरकरार रहेगी।
इमरजेंसी सेवाओं,वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में छूट बरकरार रहेगी।

बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के लिए बार—बार इंकार कर रही योगी सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन को कारगर हथियार मान रही है। शायद इसी कारण वह लगातार लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने पर भरोसा कर रही हैं। इसी क्रम में अब योगी सरकार ने 24 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है।

लखनऊ। यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के लिए बार—बार इंकार कर रही योगी सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन को कारगर हथियार मान रही है। शायद इसी कारण वह लगातार लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने पर भरोसा कर रही हैं। इसी क्रम में अब योगी सरकार ने 24 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है।

इधर संक्रमण के आंकड़ों में आई कमी लॉकडाउन का ही परिणाम बताया जा रहा है। वहीं दूसरी बढ़ते लॉकडाउन को लेकर रोजमर्रा काम—धंधा कर परिवार चलाने वालों के माथे पर पेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। बच्चों के स्कूल की फीस,राशन, बिजली बिल आदि के खर्चे को लेकर वो चिन्तित हैं। क्योंकि इससे उन्हें कोई राहत नहीं मिलेगी। न ही सरकार भी इस ओर कुछ निर्णय ले पा रही है।

वहीं सूबे में कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच योगी सरकार ने 24 मई तक कोरोना कर्फ्यू (लॉकडाउन) बढ़ा दिया है। दरअसल देर शाम  कैबिनेट की बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया है। बताया गया कि कैबिनेट ने रेढी पटरी वालों को जीवन यापन के लिए सरकार द्वारा तीन महीने तक एक-एक हजार रूपए देने का निर्णय लिया है।

बताया गया कि इससे पहले योगी सरकार ने यूपी में 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया था। इस दरम्यान प्रदेश में सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद रखने के निर्देश दिए गए थे। वहीं ऑनलाइन क्लासेज भी संचालित नहीं हो रही हैं। हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं,वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में छूट बरकरार रहेगी।

बताते चलें कि सूबे के सीएम योगी आदित्यानाथ बीते महीने तक प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के सख्त खिलाफ थे। इसी के चलते सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी, जिसमें कोर्ट ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रमुख शहरों में लॉकडाउन लगाने के आदेश दिया था।

हालांकि बाद में सरकार को वही करना पड़ा जो हाईकोर्ट ने कहा था। बताया गया कि प्रदेश में मिनी लॉकडाउन के बीच सरकार ने ई-पास की गाइडलाइन भी जारी की थी। जिसके तहत जरूरी वस्तुओं के आवागमन के लिए पास जारी होगा। बताया गया कि साथ ही सप्लाई करने वाली संस्थाओं को भी पास बनवाना होगा।

rahat.up.nic/epass पर जाकर ऑनलाइन पास के लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही बताया गया कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 पर आवश्यक वस्तुओं की सेवा न मिल पाने की स्थिति में जानकारी दे सकते हैं। वहीं आम लोगों के लिए जिला स्तरीय पास 1 दिन के लिए और अंतर जिला पास 2 दिन के लिए वैलिड रहेगा। बताया गया कि ई-पास पोर्टल में संस्थागत पास का भी प्रावधान है।

जिसके जरिए कोई भी संस्था 5 कर्मियों के लिए आवेदन कर सकती है। ई-पास की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी भी मान्य रहेगी। वहीं जनपद की सीमा के साथ अंतर्जनपदीय सीमा के लिए भी ई-पास जारी होगा। संस्थाओं के लिए पास की वैलिडिटी फुलटाइम होगी। पास के लिए आवेदन करने में कोई समस्या आने पर इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।

जो इस प्रकार है— राम केवल, विशेष सचिव राजस्व विभाग, मोबाइल- 941100600 चंद्रकांत, प्रोजेक्ट एक्सपर्ट, मोबाइल- 9988514423, वॉट्सऐप नंबर- 9454411081 राहत, आयुक्त कार्यालय- 05222238200। वहीं लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक गतिविधियों को छूट रहेगी। यानी आप किसी कंपनी या फैक्ट्री में काम करते हैं तो आई-कार्ड दिखाकर आ-जा सकते हैं।

वहीं मेडिकल और जरूरी चीजों की आपूर्ति से जुड़े ट्रांसपोर्टेशन को भी लॉकडाउन में छूट दी गई है। बताया गया कि डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ, अस्पताल के अन्य कर्मचारी, मेडिकल दुकान और व्यवसाय से जुड़े लोग को भी छूट रहेगी।  वहीं ई-कॉमर्स ऑपरेशंस यानी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए मिले जरूरी सामान के ऑर्डर की भी डिलेवरी की जा सकती है।

लॉकडाउन के क्रम में मिली छूट के तहत मेडिकल इमरजेंसी, दूरसंचार सेवा, डाक सेवा, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, इंटरनेट मीडिया से जुड़े कर्मचारियों को ई-पास बनवाने की जरूरत नहीं होगी। बताया गया कि वे अपने संस्थान का आई-कार्ड दिखाकर आ—जा सकेंगे।


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