कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण कानून पर लगी मुहर,नाम छिपाकर शादी की तो होगी 10 साल कैद
यूपी सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को मंजूरी दे दी। उत्तर प्रदेश में अब लव जिहाद के नाम पर लड़कियों तथा महिला से धर्म परिवर्तन कराने के बाद अत्याचार करने वालों से सख्ती से निपटने की तैयारी है।
लखनऊ। यूपी में जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद के मामलों पर लगाम लगाने के लिए यूपी सरकार सख्त हो गई है। यूपी सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को मंजूरी दे दी।
उत्तर प्रदेश में अब लव जिहाद के नाम पर लड़कियों तथा महिला से धर्म परिवर्तन कराने के बाद अत्याचार करने वालों से सख्ती से निपटने की तैयारी है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कानून लाने की तैयारी विधि विभाग ने पहले ही कर ली थी। विधि विभाग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ-साथ गृह विभाग को सौंपी। इसके बाद गृह विभाग ने इसकी रूपरेखा तैयार कर न्याय एवं विधि विभाग से अनुमति मांगी।
मुख्यमंत्री की हरि झंडी मिलने के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में पेश किया गया, जहां कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बता दें कि इस अध्यादेश के तहत अब बलपूर्वक, उत्पीड़न, प्रलोभन या किसी कपट के जरिए किया गया धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में आएगा।
इस अपराध के तहत 1 साल से 5 साल तक की सजा हर कम से कम 15 हजार रुपए का जुर्माना होगा। अव्यस्क महिलाओं, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के संबंध में कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा होगी।
इसके साथ ही जुर्माने की राशि कम से कम 25 हजार रुपए होगी। इसी तरह सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर कम से कम 3 साल की सजा और अधिकतम 10 साल के सजा होगी और साथ ही साथ जुर्माने की राशि 50 हजार से कम नहीं होगी।
गौरतलब है कि कानपुर, बागपत, मेरठ समेत यूपी के कई शहरों से लगातार लव जिहाद की घटनाएं सामने आई है। आपको बता दें कि जिहाद शब्द का अर्थ इस्लाम में धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करने जैसा है। इसी तरह इस समय चल रहा लव जिहाद शब्द एक गढ़ा हुआ शब्द युग्म है।
इस शब्द युग्म का मतलब शादी या प्रेम का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करवाने से समझा जाता है। इस शब्द युग्म के तहत कथित रूप से मुस्लिम पुरुषों द्वारा गैर-मुस्लिम समुदायों से जुड़ी महिलाओं को इस्लाम में धर्म परिवर्तन के लिए प्रेम का नाटक करना समझा जाता है।
गौरतलब है कि इसके साथ ही, यूपी में लव जिहाद के बढ़ते मामलों के बीच हाइकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का मौलिक अधिकार है। हाईकोर्ट का कहना है कि महज अलग-अलग धर्म या जाति का होने की वजह से किसी को साथ रहने या शादी करने से नहीं रोका जा सकता है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि दो बालिग लोगों के रिश्ते को सिर्फ हिन्दू या मुसलमान मानकर नहीं देखा जा सकता। हाईकोर्ट का कहना है किअपनी पसंद के जीवन साथी के साथ शादी करने वालों के रिश्ते पर एतराज जताने और विरोध करने का हक न तो उनके परिवार को है और न ही किसी व्यक्ति या सरकार को। अगर राज्य या परिवार उन्हें शांतिपूर्वक जीवन में खलल पैदा कर रहा है तो वो उनकी निजता के अधिकार का अतिक्रमण है।