मौसम बदलते ही जहरीली होने लगी लखनऊ की हवा, एक्यूआई में इतनी गिरावट

टीम भारत दीप |

औद्योगिक व व्यावसायिक क्षेत्रों के साथ ही आवासीय इलाकों की भी हवा खराब हो गई।
औद्योगिक व व्यावसायिक क्षेत्रों के साथ ही आवासीय इलाकों की भी हवा खराब हो गई।

रविवार को लखनऊ का एक्यूआई 300 था लेकिन सोमवार को यह बढ़कर 341 तक पहुंच गया। इसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है।

लखनऊ। लखनऊ की आबो-हवा दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। लगातार जहरीली होती हवा में लोगों का सांस लेना मुश्किल है। बीते एक सप्ताह की बात करें तो वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार आ रहा था लेकिन बीते 24 घंटे में एक्यूआई 341 स्तर पर पहुंच गया है। 

वायु प्रदूषण के मानकों में इसे अत्यंत खराब श्रेणी में माना जाता है। रविवार को लखनऊ का एक्यूआई 300 था लेकिन सोमवार को यह बढ़कर 341 तक पहुंच गया। इसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। आंखों में जलन होती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड़ (सीपीसीबी) लखनऊ में चार स्थानों पर वायु प्रदूषण की ऑनलाइन निगरानी करता है। 

इसमें तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही व्यावसायिक क्षेत्र लालबाग-हजरतगंज और गोमती नगर व अलीगंज जैसे आवासीय इलाके भी शामिल हैं। सोमवार को औद्योगिक व व्यावसायिक क्षेत्रों के साथ ही आवासीय इलाकों की भी हवा खराब हो गई। 

आवासीय क्षेत्र में अलीगंज क्षेत्र का एक्यूआई सबसे अधिक बना हुआ है। रात नौ बजे तक इसका 24 घंटे का औसत एक्यूआई 337 रिकॉर्ड हुआ है, वहीं औद्योगिक क्षेत्रों तालकटोरा में सबसे अधिक हवा प्रदूषित है। यहां एक्यूआई 374 रिकॉर्ड हुआ है। 

राजधानी की हवा को प्रदूषित करने में सूक्ष्म कण पीएम 2.5 जिम्मेदार हैं। इसके बढ़े होने की वजह निर्माण वाली साइट पर धूल उड़ने, वाहनों का धुंआ और सड़कों पर जमी धूल है। इसे नियंत्रित करने में लखनऊ के अधिकारी फेल हो रहे हैं। इससे पीएम 2.5 का स्तर लखनऊ में बढ़ता ही जा रहा है। 

वहीं अगर यहां चार प्रमुख स्थानों के एक्यूआई की बात करें तो बीते 24 घंटों में गोमती नगर का 320 अत्यंत खराब, अलीगंज 337 अत्यंत खराब, लालबाग 366 अत्यंत खराब तालकटोरा 364 अत्यंत खराब श्रेणी में रहा है। 

ऐसे में यदि प्रशासन ने जल्द कोई कारगर कदम में उठाए तो यहां की जहरीली होती आबो-हवा में लोगों का सांस लेना बड़ी कठिन हो जाएगा।


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