लखनऊःकोरोना की त्रासदी के बीच असली के नाम पर बेच रहे नकली इंजेक्शन, यूं पकड़ा गया गिरोह

टीम भारत दीप |

पुलिस ने  गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

लोग भी चरमराई व्यवस्था को लेकर भ्रम व भय में हैं। ऐसे माहौल में भी कुछ लोग इंसानियत भूल मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर असली के नाम पर नकली इंजेक्शन को ऊंचे दामों में बेच अपनी तिजोरिया भरने लगे हैं।

लखनऊ। कोरोना की त्रासदी के बीच चाहुंओर हाहाकार मचा हुआ है। संक्रमण का आंकड़ा आए दिन नए रिकार्ड बना रहा है। लोग भी चरमराई व्यवस्था को लेकर भ्रम व भय में हैं। ऐसे माहौल में भी कुछ लोग इंसानियत भूल मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर असली के नाम पर नकली इंजेक्शन को ऊंचे दामों में बेच अपनी तिजोरिया भरने लगे हैं। पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह को पकड़ा है।

जानकारी के मुताबिक यूपी की राजधानी लखनऊ में मानकनगर थाना क्षेत्र पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया गया कि ये कोरोना बीमारी से लड़ने के लिए लाभदायक माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर नकली इंजेक्शन को ऊंचे दामों में बेच रहे थे।

जानकारी के मुताबिक मानक नगर पुलिस ने मूल रूप से सुल्तानपुर के रहने वाले कौशल शुक्ला को अरेस्ट किया है ।

बताया गया कि पुलिस द्वारा ग्राहक बन कर गिरफ्तार किए गए कौशल की मदद से खदरा से विकास दूबे नाम के व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया तब नकली इंजेक्शन का कारोबार करने में लिप्त मूल रूप से सोनभद्र के रहने वाले अजीत मोर्य और बलरामपुर के रहने वाले राकेश तिवारी को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद को बरामद किया गया है।

बताया गया कि मानक नगर पुलिस ने हसनगंज के निवासी कौशल शुक्ला को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक जब उससे पूछताछ की गई तो उसने पुलिस को बताया कि केजीएमयू में नर्सिंग के छात्र विकास दुबे के द्वारा उसे नकली इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।

जिसके बाद पुलिस ने ग्राहक बनकर कौशल के साथ जब विकास दुबे को दबोचा तो उसकी निशानदेही पर लारी कार्डियोलॉजी में ऑपरेशन थिएटर के टेक्नीशियन अजीत मौर्य और क्वीन मैरी अस्पताल के स्टाफ नर्स राकेश तिवारी को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली इंजेक्शन बरामद किए गए हैं।

बताया गया कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों ने पुलिस को बताया कि बाराबंकी का रहने वाला रीतांशु मौर्य इन लोगों को रैमडिसीवर इंजेक्शन के नाम पर नकली इंजेक्शन उपलब्ध कराता था और प्रति इंजेक्शन दर पर रीतांशु इन चारों को 3000 कमीशन देता था। वहीं  पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार लोगों के पास से बरामद रेमडेसिविर इंजेक्शन माईल्म लैबोरेट्री बेंगलुरु द्वारा निर्मित है।

बताया गया कि यह लोग इस इंजेक्शन को 15000 तक की कीमत में बेच रहे थे । इधर मानक नगर पुलिस को मिली बड़ी सफलता प्रसन्न पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने मानक नगर पुलिस को 20 हज़ार रुपए का इनाम देने का भी ऐलान किया है।


संबंधित खबरें