लखनऊः रेमडेसिविर की यूं हो रही थी कालाबाजारी, 2 डॉक्टर समेत 4 गिरफ्तार, 34 इंजेक्शन बरामद
लखनऊ में बीती देर ऐसे ही काजाबारियों का गिरफ्तार किया गया है। हैरात की बात ये है कि इनमे डाक्टर्स भी शामिल है। दरअसल बीती रात कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में दो डॉक्टरों समेत चार लोगों को अरेस्ट किया गया है। जानकारी के मुताबिक इन आरोपियों को बीती देर रात को ठाकुरगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बताया गया कि इनके पास से 34 इंजेक्शन भी बरामद हुए किए गए हैं।
लखनऊ। कोरोना कहर के बीच आपदा में खुद के उत्थान का अवसर ढूंढ रहे कालाबाजारियों की लगातार मिल रही खबरों ने परेशान कर दिया हैं। इसी बीच इनकी धरपकड़ पर भी तेज हो गई है। यूपी की राजधानी लखनऊ में बीती देर ऐसे ही काजाबारियों का गिरफ्तार किया गया है। हैरात की बात ये है कि इनमे डाक्टर्स भी शामिल है।
दरअसल बीती रात कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में दो डॉक्टरों समेत चार लोगों को अरेस्ट किया गया है। जानकारी के मुताबिक इन आरोपियों को बीती देर रात को ठाकुरगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बताया गया कि इनके पास से 34 इंजेक्शन भी बरामद हुए किए गए हैं। बताया गया कि दोनों डॉक्टरों के पास से पांच लाख रुपये भी मिले है।
मिली जानकारी के मुताबिक इन इंजेक्शनों को आरोपी मनचाहे दामों पर जरूरतमंदों को बेच रहे थे। बताया गया कि आरोपियों के पास इन इंजेक्शनों की सप्लाई कानपुर से होती थी।
इस बाबत डीसीपी पश्चिम देवेश पाण्डेय के मुताबिक चौकी इंचार्ज हिमाचल सिंह को रेमडेसिविर इंजेक्शन के ब्लैक में बेचे जाने की जानकारी मिली तो इन आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ने के लिए दारोगा हिमाचल सिंह ने डॉ. सम्राट पाण्डेय को फोन करके इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए कहा था।
बताया गया कि डॉ. सम्राट ने इंजेक्शन क लिए दारोगा को एरा मेडिकल कॉलेज बुलाया और एक इंजेक्शन का दाम 20 हजार तय किया गया। बताया गया कि दारोगा ने सादे कपड़ों में एरा मेडिकल कॉलेज पहुंचकर डॉ. सम्राट एवं उसके साथियों को 20 हजार रुपये देकर इंजेक्शन ले लिया। इसी इस दोरान ठाकुरगंज पुलिस ने वहाँ पहुंचकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
बताया गया कि चारों आरोपियों में से सरफराजगंज निवासी डॉ. अतहर एरा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस चौथे सेमेस्टर का छात्र हैं वहीं एरा हॉस्टल निवासी डॉ. सम्राट साल 2016 में एरा कॉलेज में ओटी टेक्निशियन का छात्र था। वहीं विपिन कुमार बांगरमऊ और तहजीबुल हसन सरफराजगंज का निवासी है।
ठाकुरगंज थाना के इंस्पेक्टर सुनील दुबे के मुताबिक कानपुर का रहने वाला थापा नाम का व्यक्ति विपिन को पांच हजार रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराता था। बताया गया कि इसे विपिन 5500 रुपये में तहजीबुल को बेचता थ। इसी इंजेक्शन को अतहर 7500 में सम्राट को बेचता था। वहीं एक इंजेक्शन के लिए डॉ. सम्राट 20 हजार रुपये वसूलता था।
पुलिस के मुताबिक आरोपी थापा फिलवक्त फरार है। बताया गया कि इसके अलावा दवाइयों की दलाली के संबंध में मेडिसिन एवं न्यू मेडिसिन मार्केट से भी कई संदिग्धों को गिरफ्तार करके जारी है।