लखनऊ:रिटायर्ड IAS एसपी सिंह 6 घंटे नजरबंद, बोले- लोगों को डराना चाहती है सरकार
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एस पी सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका मोबाइल छीनकर कमरे में बदं कर दिया और 6 घंटे तक उन पर सवाल दागते रहे। उनके मुताबिक उनके खिलाफ दर्ज किसी भी मुकदमे को सरकार कोर्ट में साबित नहीं कर पायेगी। बताया गया कि उनका मानसिक उत्पीड़न करके योगी सरकार उन लोगों को संदेश देना चाहती है, जो सरकार की नाकामियों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
लखनऊ। यूपी के पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह को पुलिस ने शनिवार को पूछताछ के नाम पर चार घंटे तक नजरबंद कर दिया। इस मसले पर एस पी सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका मोबाइल छीनकर कमरे में बदं कर दिया और 4 घंटे तक उन सवाल दागते रहे। उनके मुताबिक उनके खिलाफ दर्ज किसी भी मुकदमे को सरकार कोर्ट में साबित नहीं कर पायेगी।
बताया गया कि उनका मानसिक उत्पीड़न करके योगी सरकार उन लोगों को संदेश देना चाहती है, जो सरकार की नाकामियों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक उन्नाव और लखनऊ के गोमतीनगर थाने से करीब 12 पुलिस कर्मियों की टीम सुबह 11 बजे आईपी सिंह के घर पहुंच गयी।
बताया गया कि वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही अपराधियों जैसा सलूक करते हुए पुलिस वालों ने उनका फोन छीनकर कमरे में बंद कर लिया। बताया गया कि इसके बाद पुलिस वाले एक के बाद एक सवाल दागते रहे। इधर एस पी सिंह के मुताबिक पुलिस ने उनसे गंगा में उतरते शव के मामले में हुई FIR से जुड़े सवाल किए।
बताया गया कि इसके बाद बनारस में नाले में मिले कोविड पेशेंट के शव के बारे में पूछताछ की। वहीं आखिर में सरकार के प्रमोशन के लिए 2 रुपये में करवाए जा रहे ट्वीट की ऑडियो वायरल करने के बारे में सवाल—जवाब किए। उनके मुताबिक पुलिस ने उनसे गाँव, परिवार और रिश्तेदारों की जानकारी मांगी। साथ ही चार पीढ़ी के लोगों, उनके पेशे और रहन सहन के बारे में पूछताछ की।
बताया गया कि उनसे खेती बाड़ी, प्रॉपर्टी और आमदनी के साधन को लेकर उनसे दर्जनों सवाल किए गए जिसका केस से कोई लेना देना नहीं है। पूर्व आईएएस एसपी सिंह के मुताबिक पुलिस ने उनसे पूछा कि आपका आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह से क्या संबंध हैं। साथ ही पूछा गया कि उनके अलावा किस पार्टी का कौन नेता आपसे मिलने आता है।
खबर के मुताबिक पूर्व आईएएस एसपी सिंह ने विपक्ष के साथ बीजेपी के कुछ मंत्रियों और विधायकों के नाम गिनाने शुरू किए तो पुलिस टीम ने उन्हें खामोश करा दिया। उनके मुताबिक पुलिस उन्नाव कोतवाली में दर्ज जिस केस के सिलसिले में पूछताछ कर रही थी, उसमें कोर्ट ने अरेस्ट स्टे दे रखा है। इसके बावजूद उस मामले में बयान के लिए 8 जून को कोतवाली बुलाया गया है।
बताया गया कि जाते—जाते पुलिस वालों ने अल्टीमेटम दिया है कि तय तारीख पर नहीं पहुंचे तो दोबारा घर से उठाकर ले जाएंगे। बताया गया कि दो अन्य मामलों में पुलिस ने उन्हें बयान के लिए धारा 41 का नोटिस दिया है।