लखनऊ: सरकारी बुलडोजर इस कद्दावर कारोबारी के सामने बेबस,सामाजिक कार्यकर्ता ने यूं किया खुलासा
दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत से ये खुलासा हुआ है कि जो लखनऊ विकास प्राधिकरण शहर के बड़े—बड़े कद्दावर लोगों के बड़े से बड़े अवैध निर्माणों पर कार्यवाही का बुलडोज़र चलाने मे देर नहीं की वहीं एक कद्दावार कारोबारी के सामने बेबस हो गया।
लखनऊ। सूबे के सत्ता पर काबिज होने के बाद भू—माफियाओं पर योगी के सख्त तेवर ने यहां भू—माफियाओं की नींद उड़ा कर रख दी है। बावजूद इसके सीएम योगी की मुहिम पर सवालिया निशान लगाने वाला एक बड़ा मामला एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद प्रकाश में आया है।
दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत से ये खुलासा हुआ है कि जो लखनऊ विकास प्राधिकरण शहर के बड़े—बड़े कद्दावर लोगों के बड़े से बड़े अवैध निर्माणों पर कार्यवाही का बुलडोज़र चलाने मे देर नहीं की वहीं एक कद्दावार कारोबारी के सामने बेबस हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के मुताबिक लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जो भूमि विद्यालय विकास विस्तार के लिए आवंटित की थी उस बेशकीमती ज़मीन को स्कूल की प्रबन्ध समिति एव संचालन समिति के निवर्तमान सचिव ने कागज़ो मे हेराफेरी कर एक बड़े कारोबारी को बेंच दिया।
बताया गया कि एलडीए के द्वारा स्कूल के विस्तार के लिए दी गई ज़मीन मे हुए हेरफेर के सम्बन्ध में बाज़ार खाला कोतवाली मे मुकदमा भी दर्ज हुआ लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी एलडीए द्वारा स्कूल को दी गई बेश कीमती ज़मीन पर कारोबारी का कब्ज़ा वर्तमान में भी बरकरार है।
उधर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेज कर सेनेट्री के बड़े कारोबारी पर सरकारी स्कूल की बेश कीमती ज़मीन पर कब्ज़ा करने का गम्भीर आरोप लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता कपिल कुमार वर्मा द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे गए शिकायती पत्र में अघोषित भू-माफिया पर आरोप लगाया गया है
कि उसने बाज़ार खाला थाना क्षेत्र के मेंहदीगंज मे स्थित योगेश्वर ऋषिकुल इन्टर कालेज की 11 बीघा ज़मीन को सेक्टर सी राजाजी पुरम के रहने वाले दाऊ दयाल अग्रवाल के द्वारा अपने अपराधी साथियों के साथ मिल कर षडयंत्रकारी तरीके से खरीद लिया गया।
कहा गया कि इस बेश कीमती ज़मीन को खरीदे और बेचे जाने के सम्बन्ध मे बाज़ार खाला कोतवाली मे वर्ष 2018 मे संगीन धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
सामाजिक कार्यकर्ता कपिल कुमार वर्मा ने शिकायती पत्र में कहा कि दाऊ दयाल अग्रवाल रसूखदार व्यक्ति है और शासन प्रशासन के कई आला अफसरों से उसके घनिष्ठ सम्बन्ध है। बताया गया कि अब तक इसके खिलाफ कोई भी कर्यवाही नहीं हुई है और कालेज की बेश कीमती ज़मीन पर दाऊ दयाल अग्रवाल का आज भी अवैध कब्ज़ा बरक़रार है।
शिकायती पत्र में यह भी बताया गया है कि साल 2018 मे कालेज की बेशकीमती ज़मीन को दाऊ दयाल अग्रवाल द्वारा कूटरचित दस्तावेज़ों के सहारे खरीदी गई थी।
शिकायती पत्र के मुताबिक ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा किए जाने के सम्बन्ध में दर्ज हुए मुकदमें में अन्य अभियुक्त के साथ नामित दाऊ दयाल अग्रवाल के खिलाफ कोई कार्यवाही न होने से सरकार को करोड़ों रूपए का नुकसान हो रहा है।
कपिल कुमार वर्मा के मुताबिक षडयंत्र के तहत कूटरचित दस्तावेज़े की मदद से खरीदी गई कालेज की सरकारी ज़मीन पर दाऊ दयाल अग्रवाल के द्वारा अवैध तरीके से कब्ज़ा कर बनाए गए गोदाम की कीमत लाखों में नही बल्कि कई करोड़ में है ।
कहा गया कि कालेज की इस ज़मीन के सम्बन्ध मे शासन के द्वारा मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल को प्राधिकार नियन्त्रक नियुक्त किया गया था। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता ने कपिल कुमार वर्मा ने पत्र के मार्फत मुख्यमंत्री से अपील की है कि कारोबारी दाऊ दयाल अग्रवाल के कब्ज़े से इस बेशकीमती ज़मीन को मुक्त कराया जाए ।
बताया गया कि साल 2018 मे कालेज की इस बेश कीमती ज़मीन को छल पूर्वक बेचे व खरीदे जाने के सम्बन्ध में योगेश्वर ऋषिकुल इन्टर कालेक के पूर्व प्रबन्धक एंव सचिव सुब्रतो मजूमदार ,भंगतंत्र के प्रबन्धक राजीव विसारिया, मेसर्स डी लोट्स बिल्डर एन्ड कालोनाईजर्स के प्रबन्धक व दाऊ दयाल अग्रवाल के खिलाफ धारा 420/467/468/471 के तहत एलडीए टिकैत राय कालोनी बाज़ार खाला लखनऊ के रहने वाले महेश कुमार के द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था।