लखनऊ: यूं मनाई गई स्वतंत्रता सेनानी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना की जयंती

टीम भारत दीप |

डॉ. दरबारी अंग्रेंज़ी हुकुमत में बहिष्कार आन्दोलन से राष्ट्रसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हुए।
डॉ. दरबारी अंग्रेंज़ी हुकुमत में बहिष्कार आन्दोलन से राष्ट्रसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हुए।

इस अवसर पर निराला नगर स्थित प्रतिष्ठित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के संरक्षक अभिषेक अग्रवाल की ओर से सूखा राशन, स्नेहधरा वृद्धाश्रम की निदेशिका डॉ.अर्चना सक्सेना को भेंट किया गया। वहीं ज्वाला प्रसाद फाउण्डेशन के संरक्षक अशोक कुमार अग्रवाल, वैश्य महासभा के उपाध्यक्ष अवधेश कौशल सहित अन्य विशिष्ट जनों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।

लखनऊ। वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी दर्शनशास्त्री डॉ.दरबारी लाल अस्थाना की जयंती 25 जुलाई को जानकीपुरम विस्तार सरस्वतीपुरम हाउस नम्बर 316 स्थित स्नेहधरा वृद्धाश्रम परिसर में मनायी गई। इस अवसर पर निराला नगर स्थित प्रतिष्ठित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के संरक्षक अभिषेक अग्रवाल की ओर से सूखा राशन, स्नेहधरा वृद्धाश्रम की निदेशिका डॉ.अर्चना सक्सेना को भेंट किया गया।

वहीं ज्वाला प्रसाद फाउण्डेशन के संरक्षक अशोक कुमार अग्रवाल, वैश्य महासभा के उपाध्यक्ष अवधेश कौशल सहित अन्य विशिष्ट जनों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का प्रसारण फेसबुक के “सृजन फाउण्डेशन एलकेओ” लिंक पर किया गया। इस अवसर पर कार्टूनिस्ट वयोवृद्ध गणेश डे द्वारा सृजित कृतियों की प्रदर्शनी भी परिसर में आयोजित की गई।

वहीं डॉ.दरबारी लाल के पुत्र पुनीत अस्थाना के संचालन में हुए इस आयोजन में भारतीयम् संस्था के सचिव प्रदीप नागर ने अभिषेक अग्रवाल और सृजन फाउण्डेशन के अध्यक्ष डॉ.अमित सक्सेना सहित वृद्धाश्रम निवासी 85 वर्षीय चंद्राणी, 77 वर्षीय लक्ष्मी नारायण शुक्ल, 69 वर्षीय गणेश, 60 वर्षीय शशिकांत, 55 वर्षीय अनुपम अवस्थी,

55 वर्षीय आशा और 55 वर्षीय अनिल भंडारी सहित अन्य का अंगवस्त्र देकर सम्मान किया गया। भारतीयम् की डांस डायरेक्टर रत्ना अस्थाना ने बताया कि डॉ.दरबारी लाल का जन्म 24 जुलाई 1905 को आगरा में हुआ था। अंग्रेंज़ी हुकुमत के दौरान राजकीय कॉलेज आगरा में बहिष्कार आन्दोलन से वह राष्ट्रसेवा के क्षेत्र में सक्रीय हुए।

बताया गया कि वृन्दावन के प्रेम महाविद्यालय में उन्होंने ग्रामोत्थान का कार्य किया और ब्रज के अनेक गांवों का दौरा कर आम लोगों में राष्ट्रीयता की भावना जगायी। शान्ति निकेतन में अध्ययन के दौरान गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें एक कलम भी आशीर्वाद स्वरूप भेंट की थी। बताया गया कि युसुफ मेहर अली द्वारा संचालित अखिल भारतीय युवक आन्दोलन के संचालन में भी वह सक्रीय रहे।

सिंधी समाज के आध्यात्मिक गुरु श्रीयुत टी.एल.वासवानी का भी उन्हें सानिध्य मिला। बताया गया कि साल 1930 में वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय के छात्रों के साथ जब वह सत्याग्रह आन्दोलन कर रहे थे तब उन्हें 9सी-12 धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। 4 अगस्त 1930 को उनको छह महीने के कठोर कारावास का दंड सुनाया गया।

11 अक्टूबर 1930 में उन्हें मथुरा जेल से सीतापुर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया। बताया गया कि डॉ.दरबारी लाल उत्तर प्रदेश कांग्रेंस कमेटी के सदस्य भी रहे। उन्होंने शक्ति आश्रम का संचालन भी किया। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने देहरादून में रहकर मेडिकल प्रैक्टिस की। 1952-53 में वह देहरादून की नगर कांग्रेस कमेटी के प्रधान मंत्री रहे।

जिसके बाद वह लखनऊ आ गए और 1954 से उन्होंने उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि लखनऊ केन्द्र के संचालक के रूप में लम्बे समय तक कार्य किया। बताया गया कि वह उत्तर प्रदेश हरिजन सेवक संघ की कार्यकारणी और संयुक्त सदाचार समिति कार्यकारिणी के भी सदस्य रहे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें 15 अगस्त 1972 को ताम्रपत्र से सम्मानित किया था।

बताया गया कि 3 मार्च 1985 को 80 वर्ष की आयु में डॉ.दरबारी लाल का स्वर्गवास हो गया था। वर्तमान में फेसबुक पर डॉ.दरबारी लाल अस्थाना लिंक के माध्यम से राष्ट्रीयता और सामाजिक दायित्वों के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

वहीं भारतीयम सांस्कृतिक निदेशक शुभ्रा अस्थाना की अगुआई में शनिवार 24 जुलाई को गोमती नगर विनय खंड स्थित भारतीयम भवन में जयंती समारोह के प्रथम दिन पूजन अर्चन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
 


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