माफिया को अब उत्तर प्रदेश से लगने लगा डर, मुख्तार के बाद अब अतीक भी डरे
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उत्तर प्रदेश की धरती पर जन्म लेकर गुनाहों का साम्राज्य खड़ा करने वाले माफिया अब उत्तर प्रदेश के नाम से कांपने लग रहे है। वे किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहते है।
अहमदाबाद - लखनऊ। उत्तर प्रदेश की धरती पर जन्म लेकर गुनाहों का साम्राज्य खड़ा करने वाले माफिया अब उत्तर प्रदेश के नाम से कांपने लग रहे है। वे किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहते है। उन्हें डर है कि कही कहीं पुलिस उनका काम तमाम न कर दें।
पहले माफिया डॉन मुख्तार अंसारी अब अतीक अहमद ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ ने जाने का बहाना बनाया। पूर्व सांसद अतीक अहमद को मुठभेड़ का डर सता रहा है। माफिया अतीक ने आरोप लगाया कि एक पुलिसकर्मी जो जेल में बयान लेने आया था, उसने उसे मुठभेड़ की जानकारी दी थी।
अदालत में पेश होने के तरीके के साथ एक हत्या की साजिश रची जा रही है। वर्ष 2019 में बागपत जेल में प्रदर्शनकारियों के साथ मुन्ना बजरंगी को पुलिस-एसटीएफ द्वारा मारने की बात भी उसने कही। अतीक ने लंबित मामलों में समन जारी नहीं करने के लिए एक वकील से आवेदन भी मांगा है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद जिनके खिलाफ अब तक लगभग 250 मामले दर्ज किए गए हैं। वह डेढ़ साल से अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है। जेल में बंद अतीक अहमद इस समय डरा हुआ है। उसे डर है कि उसके विरोधी नेताओं और पुलिस अधिकारियों ने यूपी में उसकी हत्या की साजिश रची है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अतीक को 16 माह के लिए अहमदाबाद की साबरमती जेल में रखा गया है। एनकाउंटर की आशंका जताते हुए अतीक अहमद ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए वकील से केस चलाने की मांग की है। प्रयागराज और अहमदाबाद के बीच 1450 किलोमीटर की लंबी दूरी है और बाहुबली गंभीर किडनी और रीढ़ की बीमारी से पीड़ित है। उन्हें टाइप ए मधुमेह और उच्च रक्तचाप भी है। साल 2019 में इसी वजह से उन्हें उत्तर प्रदेश से अहमदाबाद में विमान से लाया गया था।
मोहित जायसवाल नामक व्यवसायी ने घटना के बाद एक समाचार चैनल के साक्षात्कार में गैंगस्टर अतीक अहमद पर आरोप लगाया था। तब अतीक को देवरिया जेल से बरेली जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। जब मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंचा तो सीबीआई को मामला दर्ज करने और जांच करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद अतीक के बेटे समेत 15 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 23 अप्रैल 2019 को यूपी से बाहर भेजने का आदेश दिया।