आज साइकिल की सवारी करेंगे माफिया के बेटे विधायक विनय शंकर तिवारी, ऐसे बदलेगा समीकरण
विधानसभा चुनाव से पहले सपा ने भाजपा व बसपा को तगड़ा झटका दिया है। पार्टी के थिंक टैंक ने पहले चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी को अपने पाले में लाने पर काम किया। इसकी भनक लगते ही बसपा ने विनय शंकर को पार्टी से बाहर कर दिया।
गोरखपुर।पूर्वांचल की जंग अब रोचक होती जा रही है। सपा अंसतुष्टों की पनाह स्थली बनती जा रही हैं, खासकर बसपा छोड़कर आने वाले साइकिल की सवारी कर रहे है। इस वजह से कभी बसपा का चेहरा रहे लालजी वर्मा, रामअचल राजभर के बाद अब गोरखपुर के ब्राह्मण नेता विनय शंकर तिवारी आज अपने समर्थकों के साथ सपा ज्वाइन करेंगे।
मालूम हो कि चिल्लूपार से बसपा से विधायक व बने विनय शंकर तिवारी और संतकबीरनगर की खलीलाबाद सीट से भाजपा विधायक जय चौबे रविवार को लखनऊ में सपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस विषय में सारी तैयारी पूरी हो गई है। यह भी भरोसा मिला है कि आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों को वर्तमान सीटों से ही प्रत्याशी बनाया जाएगा।
आपकों बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले सपा ने भाजपा व बसपा को तगड़ा झटका दिया है। पार्टी के थिंक टैंक ने पहले चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी को अपने पाले में लाने पर काम किया। इसकी भनक लगते ही बसपा ने विनय शंकर को पार्टी से बाहर कर दिया।
इस बीच भाजपा से असंतुष्ट चल रहे खलीलाबाद से भाजपा विधायक जय चौबे को भी सपा के पाले में लाने का काम किया। यही नहीं, विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय व संतकबीरनगर से बसपा के पूर्व सांसद कुशल तिवारी भी सपा का दामन थामेंगे। गणेश शंकर को एमएलसी तो कुशल तिवारी को लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है।
ब्राह्मण वोटरों को रिझाने की कोशिश
पूर्वांचल की राजनीति में बाहुबली हरिशंकर तिवारी की एक समय काफी धमक थी। वह चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से ही छह बार विधायक रहे हैं। हालांकि दो चुनावों में शिकस्त भी झेलनी पड़ी थी, अब चिल्लूपार से ही उनके छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी विधायक हैं, विनय की ब्राह्मण मतदाताओं में अच्छी पैठ है।
संतकबीरनगर से पूर्व सांसद कुशल तिवारी भी हरिशंकर के बड़े बेटे हैं। पूर्व विधान परिषद के अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय भी रिश्तेदार हैं। पूरे कुनबे को सदस्यता दिलाकर सपा ब्राह्मण मतदाताओं को साधना चाहती है। पार्टी नेताओं का कहना है कि ब्राह्मण मतदाताओं का जुड़ाव हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने से कोई रोक नहीं सकता है।
जय चौबे ने दिखाई ताकत
खलीलाबाद से भाजपा विधायक जय चौबे की क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। जिला पंचायत व ब्लॉक प्रमुख चुनाव में वह ताकत का एहसास भी करा चुके हैं। भाजपा की ताकत व सत्ता के बावजूद जय चौबे ने अपने जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख को चुनाव में जीत दिला दी।
इससे भाजपा से खटास और बढ़ गई। अब जय चौबे लाल टोपी पहनने जा रहे हैं। जो उम्मीद जताई जा रही है, उसके मुताबिक जय चौबे को सपा खलीलाबाद से अपना प्रत्याशी बना सकती है। सूत्रों के मुताबिक गोरखपुर-बस्ती मंडल के कुछ और ब्राह्मण विधायक सपा के संपर्क में हैं।
देवरिया के एक भाजपा विधायक के भी सपा की सदस्यता ग्रहण करने की उम्मीद है। मालूम हो कि इस चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के लिए सपा-बसपा काफी योजनाएं बनाई,लेकिन ब्राह्मण नेताओं को अपने पाले में करने में सपा ने काफी मेहनत की। कहीं ऐसा न हो असंतुष्टों को पाले में करते-करते सपा के अपने नेता ही न असंतुष्ट हो जाए।
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