हरिद्वार में होगा कोरोना के साए में महाकुंभ मेला का आयोजन
महाकुंभ मेला का आयोजन हरिद्वार में होने जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामले और मेले में होने वाली यात्रियों की भीड़ को देखते हुए मेला का सफलतापूर्वक आयोजन बहुत बड़ी चुनौती है।
हरिद्वार। महाकुंभ मेला का आयोजन हरिद्वार में होने जा रहा है। महाकुंभ मेला का आयोजन होने में दो महीने से भी कम का समय बचा है। कोरोना के बढ़ते मामले और मेले में होने वाली यात्रियों की भीड़ को देखते हुए मेला का सफलतापूर्वक आयोजन बहुत बड़ी चुनौती है। हरिद्वार के महाकुंभ के भव्य मेले का समापन अप्रैल महीने के अंत मे होगा।
बता दें कि हरिद्वार में दो महीने से भी कम समय के अंदर ही कुंभ मेला का आयोजन होने जा रहा है। कोरोना महामारी के बढ़ते केस और मेला में होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मेला का आयोजन कराना बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। ये मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। ऐसा पहली बार है कि ये मेला 11 साल बाद होने जा रहा है।
बताया जा रहा है कि 80 साल बाद ये दुर्लभ संयोग बन रहा है जब ये मेला 12 साल की बजाय 11 साल में ही आयोजित किया जा रहा है। गौरतलब है कि ये मेला बहुत ही भव्य होता है और इसमें प्रत्येक बार करोंडो की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते है। गौरतलब है कि इससे पहले हरिद्वार में महाकुंभ मेले का आयोजन वर्ष 2010 में हुआ था। 2010 में सम्पन्न हुए इस मेले में 1.62 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी।
ऐसा माना जा रहा था कि इस बार करीब 5 करोड़ भक्त कुंभ मेले के दर्शन के लिए आ सकते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण अब कम भक्त आने की उम्मीद है। वहीं, विदेशी पर्यटकों के आंकड़ों में भी इस बार कटौती आने की संभावना है। वहीं, राज्य सरकार लोकल श्रद्धालुओं की संख्या को भी कम करने पर विचार कर सकती है।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से 365 करोड़ रुपये कुंभ मेले के लिए स्वीकृत किये गए थे जबकि राज्य सरकार ने भी अपने मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट में इसके के लिए 1200 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा है।