महाराष्ट्र: केमिकल फैक्ट्री में लगी भयंकर आग, 13 महिलाओं समेत 17 लोगों की मौत
हादसे के बाद कंपनी का मालिक भी फरार बताया जा रहा है। वहीं खबर लिखे जाने तक कुल 17 लोगो के शव बाहर निकाले जा चुके है। वहीं अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बताया गया कि मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। शवों को पुणे के ससून अस्पताल ले जाया गया है। फायर ऑफिसर पोटफोडे ने के मुताबिक मौके पर दमकल विभाग की 8 गाड़ियां आग बुझाने के लिए पहुंची हैं।
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे से दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां के मुलशी MIDC इलाके की एक केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 13 महिलाओं समेत 17 लोगों की मौत हो गई है। बताया गया कि घटना शाम करीब 5 बजे की है। वहीं हादसे के दरम्यान फैक्ट्री में 37 मजदूर काम कर रहे थे। बताया गया कि इनमें से 20 को सुरक्षित निकाल लिया गया। अभी भी 1 कर्मचारी लापता है।
जानकारी के मुताबिक SVS नामक इस केमिकल फैक्ट्री में क्लोरीन डाईऑक्साइड बनाया जाता है। बताया गया कि फैक्ट्री से पुणे नगर निगम को क्लोरीन की सप्लाई की जाती थी। इधर हादसे के बाद कंपनी का मालिक भी फरार बताया जा रहा है। वहीं खबर लिखे जाने तक कुल 17 लोगो के शव बाहर निकाले जा चुके है। वहीं अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
बताया गया कि मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। शवों को पुणे के ससून अस्पताल ले जाया गया है। फायर ऑफिसर पोटफोडे ने के मुताबिक मौके पर दमकल विभाग की 8 गाड़ियां आग बुझाने के लिए पहुंची हैं। बताया गया कि फैक्ट्री के एक हिस्से को जेसीबी मशीन से गिराकर उसमें भरे धुंए को निकाला गया है। वहीं मृतकों में कई ऐसे हैं, जिनकी दम घुटने के कारण मौत हुई है।
फैक्ट्री में धुंआ भरने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। आशंका जताई जा रही है कि धुएं की चपेट में आकर लापता मजदूर फैक्ट्री में ही बेहोश हो गए। इसके कारण घटना के दौरान वे बाहर नहीं निकल पाए। बताया गया कि अभी तक आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। मगर माना जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट एक बड़ी वजह हो सकती है।
वहीं मुलशी के तहसीलदार अभय और पुलिस निरीक्षक अशोक धूमल भी घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवार वालों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए मुआवजे की घोषणा की है। बताया गया कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से डिप्टी CM अजित पवार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है।
बताया गया कि क्लोरीन डाईऑक्साइड को डिस्टिल वाटर में सोडियम क्लोराइट मिलाकर तैयार किया जाता है। वहीं यह साफ-सफाई के काम आता है। बताया गया कि नाम से ये ब्लीच या क्लोरीन के करीब लगता है। वहीं एक्स्पर्ट्स बताते हैं कि यह एक ऐसा कीटाणुनाशक है जिसका इस्तेमाल उद्योगों में किया जाता है।
बताया गया कि इसे कभी खाने या पीने के इस्तेमाल में नहीं लाना चाहिए। वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक क्लोरीन डाईऑक्साइड पीने से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। बताया गया कि यहां तक कि जान जाने का खतरा भी बना रहता है।