महाराष्ट्र: भारी बारिश व भूस्खलन ने मचाई तबाही, 65 की मौत, कईयों के मलबे में दबे होने की अशंका
बारिश से जुड़े हादसों में मौत का आंकड़ा बढ़कर 65 तक पहुंच चुका है। बताया गया कि तटीय रायगढ़ जिले में एक गांव के नजदीक भूस्खलन होने के कारण अब तक 44 लोगों की मौत हो गई है। वहीं पुलिस के अनुसार महाड तहसील के तलाई गांव में हुए इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
मुंबई। महाराष्ट्र में भारी बारिश का कहर 65 जिन्दिगयां लील चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां बारिश से जुड़े हादसों में मौत का आंकड़ा बढ़कर 65 तक पहुंच चुका है। बताया गया कि तटीय रायगढ़ जिले में एक गांव के नजदीक भूस्खलन होने के कारण अब तक 44 लोगों की मौत हो गई है। वहीं पुलिस के अनुसार महाड तहसील के तलाई गांव में हुए इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
बताया गया कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इसके कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। वहीं घटना के बाद महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति का जायजा लिया। मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए मदद राशि का ऐलान किया है।
दरअसल प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ से प्रत्येक को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। वहीं घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक महाराष्ट्र के रायगढ़ में भारी बारिश और भूस्खलन से हुआ हादसा बेहद दुखद है।
मैंने इस संबंध में सीएम उद्धव ठाकरे और एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान से बात की है। बताया गया कि एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। उनके मुताबिक केंद्र वहां हर संभव मदद कर रहा है। इधर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के मुताबिक रायगढ़ के तलाई गांव में भूस्खलन से कई लोगों की जान चली गई है। बताया गया कि कई जगहों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
उनके मुताबिक उन लोगों को निकालने और स्थानांतरित करने का आदेश दिया है जो उन क्षेत्रों में रह रहे हैं, जहां भूस्खलन की संभावना है। वहीं एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक भूस्खलन वाली जगह से अब तक कई शव बरामद हुए हैं। बताया गया कि स्थानीय लोगों का कहना है कि मलबे के नीचे और लोगों के फंसे होने की आशंका है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।
बताया गया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम मुंबई से करीब 160 किलोमीटर दूर महाड पहुंची है। वह राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी है। वहीं एक अन्य टीम के भी जल्द पहुंचने की संभावना है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के महाबलेश्वर और सतारा जिले के नवाजा में पिछले दो दिनों में हुई अत्यधिक भारी बारिश से राज्य के निकटवर्ती तटीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों में, खासकर रत्नागिरि और रायगढ़ जिलों में बाढ़ आ गई है। बताया गया कि कोंकण क्षेत्र के इन दो जिलों में कई स्थान पानी में डूबे हुए हैं और प्रशासन वहां फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कोशिश में जुटा है।
इधर पुणे में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक के एस होसलिकर के मुताबिक सतारा में लोकप्रिय पर्वतीय क्षेत्र महाबलेश्वर में 22 जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे से 23 जुलाई को देर रात एक बजे तक, करीब 17 घंटों में 483 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।