शिक्षा के राष्ट्रीय फलक पर चमके मैनपुरी के इशरत अली, जिले को दिलाया नेशनल अवार्ड
वर्ष 2010 में उनका चयन सहायक अध्यापक के रूप में सुल्तानगंज ब्लाॅक के प्राथमिक विद्यालय दिलीपपुर कैलई में हुआ था। 2012 में उनका स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय रजवाना में हुआ।
मैनपुरी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा की। इस बार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए 153 आवेदनों में से 47 शिक्षकों को वर्ष 2020 के सम्मान के लिए चयनित किया गया है। उत्तर प्रदेश में तीन शिक्षकों को यह सम्मान मिला है। इनमें मैनपुरी जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के मोहम्मद इशरत अली भी शामिल हैं।
मैनपुरी के सुल्तानगंज ब्लाॅक स्थित प्राथमिक विद्यालय रजवाना में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात इशरत अली को जिले में नवाचारी शिक्षक के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2010 में उनका चयन सहायक अध्यापक के रूप में सुल्तानगंज ब्लाॅक के प्राथमिक विद्यालय दिलीपपुर कैलई में हुआ था। 2012 में उनका स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय रजवाना में हुआ।
2014 में उन्हें प्रधानाध्यक के रूप में प्रमोशन मिला और इसी के साथ स्कूल भी उत्तरोत्तर उन्नति की ओर बढ़ता गया। इशरत अली ने अपने समर्पण और मेहनत के बल पर ही विद्यालय को जिले में सर्वोच्च मुकाम हासिल कराया। 2015 में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालय रजवाना को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में पुरस्कृत किया।
मोहम्मद इशरत अली अब तक शिक्षा में आईसीटी के प्रयोग के लिए राज्य स्तर पर 30 पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। अब राष्ट्रीय पुरस्कार उनकी सेवा और समर्पण का एक नया प्रतीक है। अपने शिक्षण की छाप उन्होंने रजवाना के विद्यालय में शुरूआती दो वर्षाें में ही छोड़ दी थी।
2014 में जब प्रमोशन के बाद उनका स्थानांतरण दूसरे स्कूल में हुआ तो विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक एकजुट हो गए और उन्होंने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर इशरत अली का स्थानांतरण अन्य स्कूल में नहीं होने दिया। उन्हें उसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति मिली।
बीते छह वर्षाें में इशरत अली ने अपने शिक्षण और नवाचारी प्रयोगों से विद्यालय का कायाकल्प कर अभिभावकों के विश्वास को सही साबित किया है। राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए उनके चयन पर जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में हर्ष का माहौल है।