गीता के ज्ञान को हृदयंगम कर करें परमार्थ पथ का अनुसरणः स्वामी हरिहरानन्द सरस्वती
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महाराज जी को परमार्थ पथ पुस्तक के लेखक भारत भूषण मिश्र और होली पब्लिक स्कूल के संचालक एवं साहित्यकार विनोद माहेश्वरी ने शाॅल और माला भेंटकर सम्मानित किया।
मैनपुरी। मैनपुरी के होली पब्लिक स्कूल में शनिवार को गीता ज्ञान प्रचार समिति के तत्वावधान में ‘परमार्थ पथ’ अध्यात्मिक पुस्तक का विमोचन हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर 1008 स्वामी हरिहरानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि गीता जीवन का सार है, इसके ज्ञान को हृदयंगम करके हमें परमार्थ पथ का अनुसरण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक ने कर्मयोग से, संत ज्ञानेश्वर ने भक्तियोग और आद्य शंकराचार्य ने ज्ञान योग की राह दिखाते हुए हमें श्रीमद्भागवत्गीता के मार्ग से अपना आत्मोद्धार करने की प्रेरणा दी है। विश्व में जितनी टीकाऐं गीता की हुईं उतनी किसी और ग्रंथ की नहीं हुईं।
इस अवसर पर महाराज जी को परमार्थ पथ पुस्तक के लेखक भारत भूषण मिश्र और होली पब्लिक स्कूल के संचालक एवं साहित्यकार विनोद माहेश्वरी ने शाॅल और माला भेंटकर सम्मानित किया। समारोह में श्री एकरसानंद महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रामवदन पाण्डेय ने कहा कि गीता एक विलक्षण ग्रंथ है जिसका संदेश मानव कल्याण के लिए है।
डाॅ. महेश कुमार द्विवेदी ने परमार्थ पथ पुस्तक के बारे में बताते हुए कहा कि पुस्तक में धर्म, कर्म, उपासना, वैराग्य और ज्ञान के स्तंभ संबंध में छोटे लेखों के माध्यम से गूढ़ विषयों पर प्रकाश डाला गया है। यह पुस्तक सामान्यजनों के लिए ग्राहय है।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ पं. शील नामाचार्य ने मंगलाचरण से किया। स्वामी हरिहरानन्द महाराज ने मा. सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया। लोकार्पण कार्यक्रम में गीता की महिमा पर कवि डाॅ. संतोष दुबे, सकंल्प दुबे, चन्द्र प्रकाश रहस्य, उर्मिला पाण्डेय, वासुदेव मिश्र लालबत्ती, सतीश दुबे, आदि ने काव्यपाठ किया।
पुस्तक के लोकार्पण में महामण्डलेश्वर स्वामी हरिहरानन्द सरस्वती, डाॅ. रामवदन पाण्डेय, भारत भूषण मिश्र, डाॅ. सीपी गोयल, डाॅ. महेश कुमार द्विवेदी, अरविंद तोमर, उमेश चन्द्र दुबे, श्रीकृष्ण मिश्र एडवोकेट, विनोद माहेश्वरी, पं. शील, सत्यसेवक मिश्र आदि ने भाग लिया।
समारोह में किरण चतुर्वेदी, सत्यसेवक मिश्र पूर्व प्रधानाचार्य ने भी अपने उद्गार प्रकट किए। प्रमोद पाण्डेय, किशोर जी, प्रवोध भदौदिया, ज्ञानेन्द्र दीक्षित, देवेन्द्र शर्मा, प्रमोद दुबे बाबा, डाॅ. अनुराग दुबें, शिवराम सिंह चैहान, आशा माहेश्वरी, मंजू पाण्डेय, अभय शर्मा, अतुल अग्निहोत्री, ज्ञानेश्वर सक्सेना, संजीव शर्मा, सूर्यकान्त त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
अंत में स्वामीजी ने भारत भूषण मिश्र को शाॅल देकर सम्मानित किया। संचालन विनोद माहेश्वरी ने किया।