मैनपुरी में इधर कोरोना की मार, उधर बिजली कटौती से हाहाकार

टीम भारत दीप |

बिजली न आने से नुकसान हो रहा है।
बिजली न आने से नुकसान हो रहा है।

कहो तो सुबह 6 बजे ही लाइट चली जाए और कहो तो भरी दोपहरी आपको पंखा झलते हुए बितानी पड़े। कटौती के घंटों को देख इन्वर्टर भी क्वारंटीन हो गए हैं।

मैनपुरी। कोरोना महामारी के बढ़ते आंकड़ों के बीच यूं तो भारत में सब चंगा सी का नारा बुलंद है। लेकिन, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक ओर कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं तो दूसरी ओर बिजली कटौती के घंटों ने रफ्तार पकड़ ली है। 

मैनपुरी शहर में ही 8 से 10 घंटे की कटौती आम हो गई है। टुकड़ों में कटौती का कोई हिसाब ही नहीं है। कहो तो सुबह 6 बजे ही लाइट चली जाए और कहो तो भरी दोपहरी आपको पंखा झलते हुए बितानी पड़े। कटौती के घंटों को देख इन्वर्टर भी क्वारंटीन हो गए हैं। 

बिजली दफ्तर में फोन करो तो टका सा जबाव के मेंटिनेंस चल रहा है। छात्र, व्यापारी और गृहणी सब बिजली कटौती से त्रस्त हैं। गोपाल नगर निवासी नीलम बताती हैं कि बच्चे की दिनभर आॅनलाइन क्लास होती है। मोबाइल चार्ज कर भी लें तो ऐसी गर्मी में बिना पंखे कैसे पढ़ाई हो। 

किराना व्यापारी शंकर अग्रवाल ने बताया कि बिजली न आने फ्जि नहीं चल पा रहे। इससे दूध, बे्रड आदि सामान दिनभर में खराब हो जाते हैं। कोरोना के कारण माल लेकर रखना पड़ता है लेकिन बिजली न आने से नुकसान हो रहा है। 

आवास विकास कालोनी निवासी छात्र राहुल ने बताया कि बिजली कटौती का कोई टाइम तय नहीं है।   स्वतंत्रता दिवस पर भी कटौती हुई। रोजाना सुबह से लाइट के आने जाने का क्रम बना रहता है, इससे पढ़ाई में काफी व्यवधान रहता है।


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