मैनपुरीः ग्राम प्रधान पद पर आरक्षण तय, दावेदारों में खलबली, अब यूं भिड़ा रहे दिमाग
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जिले में 549 प्रधान पदों में से 115 पद अनुसूचित जाति के लिए होंगे। इसमें महिलाओं के लिए 41 और पुरुषों के लिए 74 पदों को शामिल किया गया हैं। वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए 152 पद आरक्षित हुए हैं, इनमें महिलाओं के 54 और पुरुषों के 98 पद शामिल हैं। वहीं सामान्य वर्ग के लिए 282 पद आरक्षित हुए हैं। इनमें 91 महिलाओं के पद शामिल हैं।
मैनपुरी। यूपी में पंचायत चुनावों को लेकर चल रही सियासी सरर्गिर्मयों के बीच शासन द्वारा मैनपुरी जिले की 549 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान पद का आरक्षण तय किया जा चुका है। आरक्षण तय होने के बाद से दावेदारों में खलबली मची हुई है।
दावेदारों ने फिर से गणित बिठाना शुरू कर दिया है। दरअसल इस बार जिले के 115 प्रधान पद अनुसूचित जाति, 152 पद पिछड़ा वर्ग और 91 पद महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं। वहीं जिले में पिछली दफा वर्ष 2015 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान 560 प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ था।
नगर पालिका मैनपुरी का सीमा विस्तार हुआ तो आठ पद कम हो गए। दरअसल बरनाहल नगर पंचायत का गठन होने के बाद चार और ग्राम पंचायतों का अस्तित्व खत्म हो गया। अब आगामी पंचायत चुनावों में केवल 549 ग्राम पंचायतों के प्रधान पद के लिए वोटिंग होगी। दरअसल शासन द्वारा जिले के प्रधानों के लिए सीट का आरक्षण भी तय हो चुका है।
किए गए आरक्षण के मुताबिक जिले में 549 प्रधान पदों में से 115 पद अनुसूचित जाति के लिए होंगे। इसमें महिलाओं के लिए 41 और पुरुषों के लिए 74 पदों को शामिल किया गया हैं। वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए 152 पद आरक्षित हुए हैं, इनमें महिलाओं के 54 और पुरुषों के 98 पद शामिल हैं। वहीं सामान्य वर्ग के लिए 282 पद आरक्षित हुए हैं।
इनमें 91 महिलाओं के पद शामिल हैं। वहीं बताया जा रहा है कि शासन द्वारा ग्राम प्रधान सीट का आरक्षण तय किए जाने से दावेदारों में खलबली मच गई है। अब ऐसे दावेदारों की निगाह सीटवार आरक्षण तय होने पर लगी है। वे चुनाव लड़ाने के लिए संबंधियों को तलाश रहे हैं। वहीं डीपीआरओ, स्वामीदीन के मुताबिक शासन ने जिले के ग्राम प्रधान पदों के लिए सीटों की आरक्षित संख्या तय कर दी है।
पंचायत वार आरक्षण बाद में तय किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर शासन द्वारा क्षेत्र पंचायतों के प्रमुखों के लिए भी आरक्षण कर दिया गया है। सीटवार आरक्षण में जिले के 9 ब्लाक प्रमुखों में से 2 अनुसूचित जाति महिला व पुरुष के लिए आरक्षित होंगे। वहीं एक पद पिछड़ा वर्ग महिला और दो पिछड़ा वर्ग पुरुष के लिए आरक्षित किए गए है।
जबकि एक पद सामान्य महिला और 3 सामान्य वर्ग पुरुष के लिए आरक्षित किए गए हैं। वहीं आरक्षण तय किए जाने के बाद अब दावेदारों ने फिर से गणित बिठाना शुरू कर दिया है। इस बीच अब जहां मामला फिट नहीं बैठ रहा वहां संबंधियों को चुनाव लड़ाने के लिए तलाश शुरू हो चुकी है।
कुल मिलाकर पंचायत चुनाव को लेकर जिले में अब सियासी तपिश काफी बढ़ती दिखाई देने लगी है।