मलयालम फ़िल्म 'जलिकट्टू' बनी ऑस्कर की ऑफिसियल एंट्री, 27 फिल्मों को पीछे छोड़ा
इस बार ऑस्कर अवॉर्ड के लिए हिंदी नहीं बल्कि एक मलयालम फ़िल्म को मौका मिला है। 93वें अकादमी पुरस्कार की ओर से मलयालम फ़िल्म 'जलीकट्टू' को नॉमिनेट किया गया है। फ़िल्म में दिखाया गया है कि इंसान कई मायनों में जानवरों से भी बदत्तर होते है। फ़िल्म 'जलीकट्टू' साल 2019 में रिलीज हुई थी।
नई दिल्ली। हिंदुस्तान की तरफ से इस बार ऑस्कर अवॉर्ड के लिए हिंदी नहीं बल्कि एक मलयालम फ़िल्म को मौका मिला है। 93वें अकादमी पुरस्कार की ओर से मलयालम फ़िल्म 'जलीकट्टू' को नॉमिनेट किया गया है।
फ़िल्म 'जलीकट्टू' को ऑस्कर अवार्ड के लिए मौका मिलने के बाद इस फ़िल्म के निर्माताओं और इससे जुड़े कलाकारों को बधाई मिलने का सिलसिला शुरू हो गया। फ़िल्म 'जलीकट्टू' साल 2019 में रिलीज हुई थी।
गौरतलब है कि फ़िल्म चाहे हॉलीवुड की हो या फिर बॉलीवुड की, ऑस्कर अवार्ड सभी के लिए मायने रखते है। बता दें कि किसी फ़िल्म को ऑस्कर मिलना उसे न सिर्फ बड़ा बना देता है बल्कि उसे हर जमाने मे याद रखा जाता है।
बताया जा रहा है कि जूरी को फ़िल्म 'जलीकट्टू' की थीम काफी ज्यादा प्रभावित कर गई है। इस फ़िल्म में दिखाया गया है कि इंसान कई मायनों में जानवरों से भी बदत्तर होते है। फ़िल्म के हर किरदार ने दर्शकों संग कनेक्ट किया है और संदेश को बहुत ही खूबसूरत तरीके से दिया है।
बता दें कि इस फ़िल्म का निर्देशन लीजो जोस पेलिसेरी ने किया है, जबकि ओ थॉमस पनिकर इस फ़िल्म के निर्माता है। फ़िल्म की कहानी एस हरीश और आर जयकुमार की है, जो एस हरीश की शार्ट स्टोरी माओइस्ट पर आधारित है। फ़िल्म में एंटोनी वार्गीस, चेम्बेन विनोद जोस और साबुमोन एबदुसामैड ने अहम भूमिकाएं निभाई है।
इसका संगीत प्रशांत पिल्लई ने दिया है, जबकि सिनेमेटोग्राफी गिरीश गंगाधरन की है। बताते चले कि ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने से पहले इस फ़िल्म को टोरेंटो अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव में भी दिखाया गया था। उस समय भी इस फ़िल्म की बहुत तारीफ हुई थी। फ़िल्म की कहानी से लेकर निर्देशन तक, हर पहलू को काफी पसंद किया गया था।
बता दें कि फ़िल्म 'जलीकट्टू' 27 फिल्मों को पीछे छोड़कर आई है। हिंदुस्तान की तरफ से 27 फिल्मों को ऑस्कर के लिए रखा गया था। इस लिस्ट में छलांग, स्काई इज पिंक, गुलाबो सिताबो जैसी फिल्में भी शामिल थी।