पश्चिम बंगाल में टूट के पीछे पीके की कार्यशैली, ममता बनर्जी ने जताई नाराजगी

टीम भारत दीप |

नाराज नेताओं का कहना है कि ये लोग पार्टी के जनता के नहीं बल्कि कॉरपोरेट अंदाज में चलाना चाहते हैं
नाराज नेताओं का कहना है कि ये लोग पार्टी के जनता के नहीं बल्कि कॉरपोरेट अंदाज में चलाना चाहते हैं

ममता बनर्जी ने पीके को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह स्थिति को नियंत्रित करने में असफल होते हैं तो खुद ममता आखिरी फैसला लेंगी। टीएमसी के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी सहित कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।

पश्चितम बंगाला। वैसे तो पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अभी से वहां की राजनीति में टूट-फूट बहुत तेजी से हो रही है।

सत्ताधारी पार्टी के कई दिग्गत नेता पार्टी से किनारा कर रहे है। इससे तृणमूल कांंग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी असहज महसूस करने लगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी के तमाम नेता विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर से नाराज है। 

ऐसे में पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके से काफी नाराज हैं। इसी बीच प्रशांत किशोर ने भाजपा को लेकर एक बड़ा दावा किया है।

उनका कहना है कि भाजपा राज्य में दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पीके पर पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव के बाद देश को एक चुनावी रणनीतिकार खोना पड़ेगा।

प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, 'मीडिया का एक वर्ग भाजपा के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है, वास्तव में भाजपा पश्चिम बंगाल में डबल डिजिट (दहाई आंकड़ा) के लिए भी संघर्ष करेगी।

कृपया इस ट्वीट को सेव करके रखें और यदि भाजपा इससे बेहतर प्रदर्शन करती है तो मैं ये काम छोड़ दूंगा। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा, 'भाजपा की बंगाल में जो सुनामी चल रही है, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।

डैमेज कंट्रोल में ममता

पार्टी नेताओं के बगावत के बाद ममता बनर्जी ने पीके को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह स्थिति को नियंत्रित करने में असफल होते हैं तो खुद ममता आखिरी फैसला लेंगी। टीएमसी के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी सहित कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।

बता दे कि टीएमसी से बगावत करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा नाराजगी पीके और उनकी कंपनी आई पैक की वजह से आई है। नाराज नेताओं का कहना है कि ये लोग पार्टी के जनता के नहीं बल्कि कॉरपोरेट अंदाज में चलाना चाहते हैं। ये बंगाल की राजनीतिक रुचि के अनुरूप नहीं है। यही कारण है कि उनकी कार्यशैली से नाराज होकर नेता पार्टी से किनारा कर रहे हैं।


ममता ने आईपैक के साथ किया है 400 करोड़ करार

देश के कई राज्यों में अपनी रणनीति से लोहा मनवाने के बाद पीके की मांग राजनीतिक दलों में काफी बढ गई है। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की सलाह पर टीएमसी ने आई पैक के साथ 400 करोड़ रुपये का करार किया है।

सूत्र बताते हैं कि पीके की टीम ने पार्टी को कॉरपोरेट स्टाइल में चलाना शुरू कर दिया है। आवेग और भावना की राजनीति करने वाले पार्टी नेताओं को उनका यह स्टाइल रास नहीं आ रहा है।


संबंधित खबरें